रीमा घर से बहार जाने के लिए दादी से बहस कर रहीं थी । दादी ने कहा बेटा तुम्हे हल्दी लग चुकी है इसलिए अब शादी तक तुम्हारा घर से बहार जाना बंद
रीमा ने कहा अरे दादी आप भी क्या पुराने ज़माने वाली बाते कर रही हो । अब इस हल्दी से मेरा बहार जाने का क्या संबंद !
दादी ने रीमा से कहा की बेटा तुम आज कल के बच्चे कुछ नहीं समझते हो । शादी – ब्याह के समय हमारे ग्रह कुछ कमजोर हो जाते है और इस समय का फायदा उठाकर बुरी आत्माएं हमें नुकसान पंहुचा सकती है ।
दादी की ये बुरी आत्मा वाली बात सुनकर रीमा जोर – जोर से हसने लगती है । रीमा की मम्मी ने उसे इस तरह हस्ते हुए देखकर तुरंत चुप रहने का इशारा किया ।
रीमा को अच्छा नहीं लगा और उसने अपने दादी और मम्मी से कहा की आप लोग भी कैसी बाते कर रहे हो । आज दुनिया चाँद पर घर बसाने की सोच रही है और आप लोग आज भी इस भूत – प्रेत के चक्कर में पड़े हो
तभी रीमा की मम्मी ने उसे कहा की बेटा चुप करो हर बात में हमसे बहस करना जरुरी नहीं होता है । तुम्हे बेटा जो कुछ भी चाहिए वो ऑनलाइन आर्डर कर लो या फिर हमें बता दो हम ले आएंगे । रीमा ने कहा अच्छा ठीक है और वो अपने कमरे में चली जाती है ।
रीमा जैसे ही अपने कमरे में जाती है की तभी मोबाइल पर उसके मंगेतर का कॉल आता है । रीमा को फ़ोन पर उदाश देखकर रीमा के मंगेतर ने उससे पूछा की इतनी उदासी किस बात की ? रीमा ने सारी बाते बताई ।
उसके मंगेतर ने कहा की वैसे तो मेरे सास और दादी इतने भी पुराने ज़माने के मुझे नहीं लगते है क्योकि वो हमारी लव मैरिज के लिए इतनी जल्दी मान गए थे । वो सिर्फ तुम्हारी फिकर कर रहे है और कुछ नहीं है
उसके मंगेतर से उसे कहा अच्छा सुनो , जिस बात के लिए मेने तुम्हे फ़ोन किया था वो तो में भूल ही गया । रीमा ने पूछा कौन सी बात ?
उसने कहा की बात ये है की हम शादी के बाद हनीमून करने के लिए मनाली जायेगे । वो बहुत अच्छा हिल स्टेशन है और हमें वह बहुत मजा भी आएगा । तुम्हारा क्या ख्याल है ? रीमा ने कहा जैसे तुम ठीक समजो । दोनों की बाते खत्म हो गयी ।
रीमा और आकाश की शादी बहुत धूम – धाम से हुई । शादी की सारी रस्मो को निपटाकर दोनों ने मनाली जाने के लिए तैयारी भी कर ली ।
आकाश ने रीमा से कहा की तुम अपने घरवालों को भी फ़ोन करके बता दो की हम हनीमून के लिए मनाली जा रहे है । रीमा ने जैसे ही अपने घर फ़ोन लगाया की दादी फिरसे वही रीमा को समझाने लगी की देर रात तक मत घूमना क्योकि तुम्हारी हल्दी और मेहंदी का रंग अभी भी फीका नहीं पड़ा है ।
रीमा दादी की बाते सुनकर जोर – जोर से हसने लगी और बोली क्या दादी आप भी अभी तक यही बाते कर रही हो । तभी फ़ोन आकाश ने लिया और उसने रीमा की दादी से कहा की आप बिलकुल फिकर मत कीजिये , में रीमा का अच्छे से ख्याल रखूँगा
अब आकाश और रीमा अपने आगे के जीवन के सपने देखते हुए बहुत जल्द मनाली पहुंच भी गए और उन्हें पता भी नहीं चला । यहाँ के नैसर्गिक सौंद्रय को देखकर दोनों बहुत खुश हो गए
उस दिन दोनों गेस्ट हाउस में ही रुके थे । अगली सुबह रीमा ने आकाश को उठाया तो वो रीमा को देखता ही रह गया । लाल सलवार कमीज और खुले बालो में रीमा बहुत खूबसूरत दिख रही थी ।
आकाश को ऐसे अपनी तरफ देखकर रीमा शर्मा जाती है और उनको कहती है की आप इस तरह क्या देख रहे हो ? चलो अब उठ भी जाओ हमें फिर घूमने भी जाना है ।
आकाश ने रीमा से कहा की घूमते को सारी उम्र रहेंगे , पहले मुझे जी भर कर तुम्हे प्यार तो कर लेने दो । रीमा ने कहा अब ज्यादा कुछ मत बोलो और जल्दी से तैयार हो जाओ ।
आकाश को अब न चाहते हुए भी तैयार होना पड़ा । वो दोनों अब बहार घूमने के लिए चले गए । दोपहर को जब धुप थोड़ी तेज हुई तो दोनों एक पहाड़ी पर पेड़ के निचे बैठ गए ।
बाते करते करते जैसे ही आकाश ने अपना सिर रीमा के कंधो पर रखा वैसे ही रीमा ने जोर से उसे धकेलते हुए कहा की दूर रहो मुझसे । आकाश ये देखकर हैरान रह गया और उसने रीमा से तुरंत पूछा ” ये क्या मजाक है रीमा
जैसे ही आकाश ने उसे फिर से छुआ की रीमा वापिस चिल्लाई और उसने कहा की मेने कहा ना तुम दूर रहो मुझसे , ये देखकर वहा पर कुछ लोग एकत्रित भी हो गए ।
अपना तमाशा बनता देख आकाश किसी भी तरह रीमा को गेस्ट हाउस ले जाता है । गेस्ट हाउस पहुंचते पहुंचते ही रीमा बेहोश हो जाती है । रीमा की ऐसी हालत देखकर आकाश ने डॉक्टर को बुलाया । डॉक्टर ने कहा की थकावट की वजह से इन्हे तेज बुखार चढ़ गया है , तुम घभराना मत मेने इसको इंजेक्शन दे दिया है वो सुबह तक ठीक हो जाएगी ।
आकाश अभी परेशान ही था की रीमा की माँ का फ़ोन आ गया । आकाश ने उन्हें सब कुछ बता दिया । रीमा की माँ ये सब सुनकर परेशान हो गयी लेकिन उन्होंने जाहिर नहीं किया और वो आकाश को तसल्ली देते हुए बोली की तुम घभराना मत सुबह सब कुछ ठीक हो जायेगा । में तुम्हे सुबह फ़ोन करुँगी
अगली सुबह रीमा का बुखार थोड़ा कम हुआ था लेकिन उसका शरीर एकदम पीला हो गया था । आकाश रीमा के लिए चाय लेकर आया और उसने रीमा से पूछा की अब कैसी हो ? तभी रीमा ने जोर से आकाश को धक्का मारा और चिल्लाने लगी और थोड़ी देर में फिर से बेहोश हो गयी ।
गेस्ट हाउस में रीमा की ये हालत देखकर कुछ लोगो ने तो बाते भी करना शुरू कर दिया की इस पर किसी प्रेत आत्मा ने कब्ज़ा कर लिया है । आकाश इन सब बातो पर विश्वास नहीं करता था लेकिन अब दूसरी तरफ डॉक्टर ने भी हाथ खड़े कर दिए थे ।
डॉक्टर ने उसे नीद का इंजेक्शन दे दिया और आकाश को जल्द से जल्द अपने घर वापिस जाने की सलाह दी । आकाश ने ये सारी बाते फ़ोन करके अपनी सास को बताई । उन्होंने भी रीमा को जल्द से जल्द घर पर लाने की सलाह दी ।
आकाश रीमा को लेकर जल्द से जल्द उसकी मम्मी के घर पर पहुंच गया । दादी ने पहले ही अपने पुरोहित को बुला लिया था । रीमा की ऐसी हालत देखकर उन्होंने कहा की इसे किसी बुरी आत्मा का साया लगा है ।
पूजा शुरू होते ही रीमा छटपटाने लगी । पुरोहित जी ने उसके बाल बांधने के लिए कहा । आकाश ने जैसे ही उसके बालो को पकड़ा वैसे ही रीमा ने आकाश को जोर से धक्का दिया और आकाश दीवार से टकराया और खून भी बहने लगा
वो जोर से मर्दानी आवाज में बोली क्यों बाँध रहे हो इसके बालो को ? इसके लंम्बे बालो ने ही मुझे इसका दीवाना बना दीया है । पुरोहित जी ने अग्नि में आहुति डाल कर जोरो से मंत्र बोले और रीमा ने फिरसे मर्दानी आवाज में बोलना शुरू कर दिया की ” में तो उस पेड़ पर वर्षो से आराम कर रहा था ।
उस दिन जब ये लाल सूट और खुले बालो में वहा पर आयी तभी उसने मुझे अपना दीवाना बना दिया था । इस खूबसूरती का तो में कही वर्षो से इन्तजार कर रहा था ।
इतना बोलते बोलते रीमा बेहोश हो जाती है । पुरोहित जी ने पूजा थोड़ी तेज कर दी और वो जैसे ही अग्नि में आहुति डालते वैसे ही रीमा मछली की तरह छटपटाती ।
पूर्ण आहुति के साथ सभी ने देखा की एक लौ सी रीमा के शरीर से निकल कर अग्नि में भष्म हो गयी और इसके साथ ही रीमा का शरीर भी शांत हो गया ।
कुछ समय से बाद रीमा को होश आया और वो अपने आप को अपने मम्मी के घर पर देखकर हैरान रह गयी । आकाश के माथे पर चोट देखकर वो बोली ये चोट तुम्हे कैसे लगी
तभी आकाश ने उसे कहा की कुछ नहीं है जानेमन ये तो तुम्हारे एक अनोखे दीवाने की देन है । घर पर सभी आकाश की ये बात सुनकर हसने लगे
ये कहानी केवल मनोरंजन के लिए है इसके पीछे हमारा उदेश्य किसी भी प्रकार की अंधश्रध्धा का प्रसार करने का नहीं है
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