सही मे कुछ शक्तिया उसमे थी? क्या वो जादुगर था? जो ये दुनिया को नष्ठ करने वाला था? ये एक ऐसे काला जादू (black magic) की बात है जिसने पुरे परिवार को बरबाद कर दिया था, और भी नजाने कितने परिवार की जिंदगी लेना बाकी था!
भारत एक इस देश है जंहा पे आप भरोसा करे या न करे। लेकिन लोक आप को उसके सकंजे में ले के ही जाते है यंहा पे किसी की भी कभी भी ना कभी अंधविश्वास के कारन बलि चढ़ जाती है और इस बात का शिकार बना हे मध्यप्रदेश के रहने वाले ब्रिजलाल चोपड़ा।
उसका बीमार पुत्र ठीक होता ही नहीं था और परिवार वालो को ऐसा लगता था की उनके बेटे के उपर कोई काली शक्तिया गुम रही है। वो लोक उनके बेटे को पास में रखते हुए एक कबीला के पास लेके गए। जंहा पे काले जादू से कुछ भी कर शकते है। लेकिन वहाँ पे जो बना हो सुनकर आपके हौंस उड़ जाएंगे।
कबीला के सरदार का नाम पार्वती था, वंहा पे उनके साथीओ ने ऐसी काले जादू की झाल बिछाई जंहा से ब्रिजलाल, उनकी पत्नी और उनका 10 साल का बेटा उसमे से बाहर ही नहीं आ पाए।
ब्रिजलाल अभी तो अपने पुत्र को लेके कबीला में पहुचे ही थी की वहा पे हाजिर सभी ने ब्रिजलाल को जादुगर कह के उसको घेर लिया। उनका कहना ये था की ब्रिजलाल एक बहुत बड़ा जादुगर है और उसका मृत्यु ये संसार के लिए बहुत ही आवश्यक है
पार्वती ने अपने कबीला के आदमीओ को आदेश दिया की वो ब्रिजलाल को मार दे। वो लोग ने ब्रिजलाल को घेर लिया और उनके आस पास नृत्य करने लगे। किसी के हाथ में त्रिशूल था, तो किसी के हाथ में तेज धार वाली तलवार।
उसमे से एक आदमी सामने आया और ब्रिजलाल ले हाथ काट दिए। ब्रिजलाल बहुत चीखा, बुमबराडा किया, वारंवार कहता रहा की मैं जादुगर नहीं हु, लेकिन उनकी चीखे, उनलोगो के गाने मे और हँसने मे दब गई।
ब्रिजलाल को जादुगर कहने के बाद पार्वती ने अपने लोगो से ऐसा कहा की इसकी सारी शक्तिया उसके हाथ में है। इसलिए कुछ भी समजे बिना ब्रिजलाल के हाथ काट दिए, उसके बाद ब्रिजलाल कभी भी किसी के पर हावी न हो, उसकी सारी शक्तिया भस्म हो जाए, इस लिए वो दुष्टो ने ब्रिजलाल को जिंदा जला दिया और देख ते ही देख ते ब्रिजलाल का शरीर राख में मिल गया।
ये सारा ख़तरनाक दृश्य ब्रिजलाल के 10 साल का बेटा और उनकी पत्नी के सामने हुआ था। वो दोनों ने मदद के लिए चीखे चिल्लाए, लेकिन उन्होंने उसकी एक भी बात नहीं सुनी।
ये सारी घटना को अंजाम देने के बाद उन्होंने ब्रिजलाल की पत्नी और बेटे को जाने की अनुमति दे दी, और उन्होंने एक चेतावनी दी की अगर इसके बारे में किसी को भी कुछ भी कहेगे तो उसका अंजाम बहुत ही बुरा होगा।
अपने पति की मौत ओर पूरे परिवार को खत्म होता देख सुष्मा पूरी रत पुलिस स्टेशन के चक्कर काट टी रही। माँ-पुत्र ने सारी बाते पुलिस को बताई की किस तरीके से वो डाकन ने उनके पति को जिन्दा जला दिया।
फिलहार डकनो की पूरी जमात और उनके सरदार पार्वती सहीत पुलिस ने सब की धड़पकड़ कर ली और सुनने में आया है की बहोत जल्द उनलोगो लो मोत की सजा होगी। कानून इस घटना को किस तरीके से अंजाम देगी वो तो समय ही बताए गा।
लेकिन इस घटना ने एक बहुत ही बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है की ‘क्या सही में भारत मे कला जादू होता है और अगर होता भी है तो किस कारन से होता है। ऐसे ही हररोज कोई निर्दोष की बलि चढेगी?’ बहोत सारे सवाल है, लेकिन जवाब ढुंढना बहुत ही मुश्किल है।
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