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राजस्थान के कोटा शहर की ख़ौफ़नाख घटना || Horror New Story 2021

 



जिंदगी एक पैये कि तरह है। जो घूमता रहता है। जहाँ से चीजे शरू होती है वहाँ पे वापस आके थंभ जाती है। बिल्कुल उसी राह पर, उसी मोड़ पर हमे फिर छोड़ देती है। क्यंकि जिंदगी का हर पल हमारे कर्म ओर नियति से जुड़ा हुआ होता है।

यह कहानी राजस्थान के कोटा शहर से जुड़ी एक सच्ची घटना से प्रेरित किसी के असफल प्यार और प्रतिषोध की है।

सपना, सलोनी ओर उनके मासूम दोस्तो की दास्ता है। जो समय के दुष्ट चक्र में फस गए ओर उस मोड़ पर आके थंभ गए जहाँ मौत उनका इंतजार कर रही थी।

राणा साहेब, एक बहोत अमीर और आलीशान हवेली का मालिक था। उन्हें अपने से दस साल छोटी उम्र की लड़की से प्यार हो गया था।

लेकिन वो लड़की राणा साहब को अपने प्यार के मायाजाल में फ़सा के उनकी जायदाद को छीन लेना चाहती थी।

एक बार उस लड़की ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर राणा साहब को मार मार कर जिंदा जमीन में गाढ़ दिया।

राणा साहब चीखे च्चिलाये लेकिन उस लड़की ने उनकी एक न सुनी।

बाद में राणा साहेब में मरते मरते शार्प दिया कि “मैं किसीको नहीं छोडूंगा, हर प्रेमी को मार दूंगा, जिस तरह मेरे साथ धोखा हुआ है मैं हर प्रेमी को मिटा दूंगा, मैं सब को मिट्टी में मिला दूंगा”

ओर राणा साहब की मौत हो गई। उन दिन के बाद वो जगह ओर वो हवेली शार्पित हो चुकी थी। वहाँ जो भी जाता था वो कभी भी वापस नही आ पाता था।

आज भी राणा साहब की प्रेतात्मा वहाँ घूमती रहती है।

कुछ दिनों के बाद

उस हवेली पे एक प्रेमी कपल वहां पे घूमने के लिये आये। सपना ओर रजत

उन दोनों की सगाई हो चुकी थी लेकिन शादी करनी बाकी थी। सपना अपने घर में किसीको कुछ बताये बिना रजत के साथ आई थी।

सपना ओर रजत मजाक मस्ती में उस जगह पहोंच गए जंहा पे राणा साहब जो जिंदा दफन कर दिया था।

अचानक रजत उस जगह पे गिर जाता है और उसका पैर जमीन के नीचे घुसने लगता है।

यह देखकर सपना डर जाती है, और मदद के लिए चीखने चिल्लाने लगती है। लेकिन कोई भी उसकी आवाज नही सुन पाता है।

सपना जब उस हवेली में मदद के लिए जाती है तो वहीँ उसे किसीकी के होने का आभास होता है।

उसी वक्त तुरंत सपना गिर जाती है और कोई उसका पैर पकड़ कर उसी जगह पर खीच के ले जाता है जंहा राणा साहब ओर रजत दफन हुए थे।

बाद में सपना भी उसी जगह पर दफन हो जाती है।

कुछ दिन बाद जब सपना अपने घर नहीं पहोंचती है तब उसकी बहन सलोनी अपने पति समीर ओर कुछ मित्रों के साथ उसे ढूढ़ते ढूंढते उस हवेली पे पहोंच जाते है।

समीर एक पेरानॉर्मन एक्टिविटी का एक्सपर्ट है।

जब वो सब उस हवेली पर पहोचे तब समीर को पता चल गया कि यहां पे किसी बुरी आत्मा का वास है। उसने सबको सूचित कर दिया।

उसी रात को उन सभी के साथ कुछ अजीबो गरीब घटनाएं होने लगती है।

जैसे कि नल से पानी टपकना, अपने बेडरूम में मिट्टी का आ जाना, रूम की खिड़की या अपने आप हिलने लगना, किसीके रोने की ओर चिल्लाने की आवाज आना।

यह सब देखकर वो सभी डर जाते है। ओर उनमें से एक भागने की कोशिश करता है।

लेकिन राणा साहब की प्रेतात्मा उसे भी जिंदा दफन कर देता है।

दूसरे दिन,

जब उन लोगो को पता चलता है कि उनका एक साथी गायब है, तब वो लोग ओर भी डर जाते है।

लेकिन समीर बताता है कि, “हमे यहाँ से बाहर निकलना है तो हमे उस आत्मा को बुलाना होगा और उनसे पूछना होगा कि वो आखिर चाहती क्या है?”

डर के मारे सभी लोगोने समीर की बात मान ली और आत्मा को बुलाने के लिए तैयार हो गई।

समीर ने एक रूम में सभी तैयारियां कर ली और बताया कि, “जब तक हम आत्मा से पूरी जानकारी नही जान लेते तब तक कोई इस रूम से बाहर नही जाएगा। और कुछ भी हो जाये कोई किसी का हाथ नही छोड़ेगा।”

समीर ने तन्त्र मंत्र से आत्मा को बुलाना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में तेज पवन ओर बिजली के साथ राणा साहब की आत्मा उस रूम में आ गई।

समीर ने उस आत्मा से बात की, “आखिर तुम चाहते क्या हो? तो लोगो को क्यों मार रहे हो? कौन हो तुम?”

राणा साहब की आत्मा ने कहा, “निकल जाओ यंहा से, मैं किसी को भी नही छोडूंगा, सब मारे जाएंगे, जो भी यहाँ आये गया उन सब को मार दूंगा।

इतना कहकर वो आत्मा चली गई।

वो लोगोने बाद में सपना की आत्मा को बुलाया और पूछा, “आखिर उसके साथ हुआ क्या था?”

सपना की आत्मा ने उन सभी को सारी हकीकत बात दी और बोली, “मुजे राणा साहब ने जमीन के नीचे दफन कर दिया है, प्लीज़ मुजे यहां से निकालो।

सलोनी ने अपने बहन सपना से पूछा, “राणा साहब की आत्मा को कैसे मारा जाए?

सपना ने बताया कि , “जहाँ राणा साहब ने हम सब को दफनाया है वँहा पास में माताजी का त्रिशूर है। उस त्रिशूर से राणा साहब की आत्मा को मार जा शकता है और इस महल को उनकी चंगुल से बचाया जा शकता है।

इतना कहकर सपना की आत्मा वहाँ से चली गई।

समीर, सलोनी ओर बाकी दोस्तो लोग तुरंत उस जगह पे गए जहाँ राणा साहब को दफनाया गया था।

राणा साहब की आत्मा ने उन सभी को त्रिशूर के पास जाने के लिए रोका।

लेकिन सलोनी किभी तरह उस त्रिशूर के पास पहोंच गई और उसी त्रिशूर से राणा साहब पे वार किया।

कुछ ही देर में राणा साहब ओर उनके साथ वो सभी आत्माओ को मुक्ति मिल गई जिसे राणा साहब ने दफनाया था।

दोस्तो आपको यह कहानी कैसी लगी प्लीज़ हमे कमेंट कर के जरूर बताए।

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