यह केवल एक ही भूतिया वाकिया है जो अबतक मेरे साथ पेश आया है। मेरी उम्र फ़िलहाल 23 साल है और जब मेरे साथ यह घटना घटी थी तब मैं केवल 11 साल का था। मैं पं. बंगाल की राजधानी कलकत्ता से हूँ। मैं जब केवल एक साल का ही था तब मेरे परिवार को दिल्ली आना पड़ा था क्योंकि मेरे फादर को दिल्ली में जॉब करनी थी तो मैं कलकत्ता केवल एक वर्ष ही रह पाया। पर मेरे बाकी के फॅमिली मेंबर्स और मेरे Cousins कलकत्ता ही रहते है। मुझे शुरू से ही भूत-प्रेत और पैरानॉर्मल चीज़ों में काफी Interest था, पर मैंने कभी भी इन चीज़ों को महसूस नहीं किया था, जब तक कि मैं 11 साल का नहीं हुआ।
2008 के समय, मेरे अंकल की शादी थी, इसीलिए हमें शादी में तो जरूर जाना था। यह समय जून और जुलाई की गर्मीयों के दौरान का था। चूँकि, मेरी गर्मी की छुट्टियाँ चल रही थी तो बिना किसी चिंता के हम सब शादी के लिये कलकत्ता निकल गये। मेरे एक कजिन है जो उस समय 6 साल का था, वो मेरा काफी अच्छा दोस्त था। जब हम वहाँ रह रहे थे तो एक दिन मेरे उस कजिन के पापा ने मुझे, उसे और मेरे दो अन्य भाइयों को बाहर वॉक पर चलने को कहा, क्योंकि हम घर पर काफी Bore हो रहे थे। यह समय शाम का था और अँधेरा भी हो चूका था।
मेरे दो भाई आगे की ओर चल रहे थे और वीडियो गेम्स और कुछ दूसरी चीज़ों के बारे में बात कर रहे थे, जबकि मैं और मेरा कजिन बीच में चल रहे थे और उसके फादर हमारे पीछे थे। उस जगह पर काफी छोटी-छोटी गालियाँ थी, जहाँ से हम Shortcut ले सकते थे। तो हम भी उन तंग और अँधेरी गली में चले गये। अचानक, मैंने एक जगह पर जाकर महसूस किया कि कोई तो है जो मुझे देख रहा है, पर ये मेरे दोस्त के पापा नहीं थे बल्कि कोई और ही था जो काफी में गुस्से में था और वो नहीं चाहता था कि मैं वहां से गुजरू। मुझे बिलकुल ऐसा लग रहा था, जैसे कोई मेरे पीछे काफी गुस्से में चल रहा है।
तभी मैंने महसूस किया कि किसी ने मुझे धक्का दिया है और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो मैंने देखा कि पीछे मेरे दोस्त के फादर थे, जो कि मुझसे कुछ फिट दूर थे और वो ऐसा नहीं कर सकते थे। इसके बाद, मैंने अपनी पीठ पर काफी जलन महसूस की।
मैंने फिर से चलना शुरू किया और मुझे फिर से किसी ने हल्का सा धक्का दिया और फिर से, मेरी पीठ पर जलन महसूस हुई। मैं जब तक उस गली से बाहर नहीं आ गया, तब तक मुझे ऐसा ही लगता रहा, जैसे कोई मुझे देख रहा हो। मेरे कजिन को भी किसी ने धक्का दिया था। वो जलन काफी तेज थी और मुझे काफी चिंता भी हो रही थी, पर यह बात मैंने किसी को भी नहीं बताई।
मैं डर गया था पर फिर भी मैंने ऐसे दिखाया जैसे कि कुछ भी नहीं हुआ हो। जब हम वापिस घर आये तो मुझे नार्मल फील हुआ। शादी ख़त्म होने के बाद भी हम कुछ दिन वहाँ रुके और जब हम वापिस दिल्ली पहुँचे, तब तक मेरे स्कूल भी खुल चुके थे। उसके अगले दिन, मैं स्कूल गया और घर लौटकर जब मैं अपने कपडे बदल रहा था, तब मैंने देखा कि मेरी पीठ पर 3 लम्बे नाखूनों से खुरचने के निशान थे। मेरी पीठ पर उस तरह के 2 खुरचने के Set थे, मतलब कि किसी ने मुझे दो बार खरुचा था। जब मैंने यह बात अपनी माँ को बताई तो उन्होंने मुझसे पूछा कि यह सब कैसे हुआ है? तब मुझे उस गली के बारे में याद आया और सारी बात मैंने अपनी माँ को बताई तो उन्होंने मुझसे कहा कि जरूर यह कोई भूत या शैतान होगा, जो काफी गुस्से में होगा
मुझे नहीं पता वो क्या था? और वो क्यों मुझसे गुस्सा था?
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