झारखंड के निवासी चितरंजन के हाथ एक ऐसी रहस्यमई चीज हाथ लगी है जो अपने आप में बेहद खौफनाक है। चितरंजन को इसका पता तब लगा जब उन्होंने इस चीज पर गौर किया।
कभी–कभी साधारण दिखने वाली वस्तु असाधारण होती है। तो आइए जानते हैं उनसे की क्या हुआ था। जैसा कि चितरंजन बताते हैं।
वर्ष 2005, मेरे घर के बगल किसी कि घर बननी थी। मैंने देखा था जिस जगह पर घर बनानी थी। उस जगह पर ढेरों सारी काँटो की झाड़ियां थी। और भी काफी गंदगी थी उस जगह पर।।
वहां पर मैंने देखा कि चार मजदूर लग कर वहां साफ सफाई कर रहे थे और जमीन की खुदाई भी कर रहे थे। वे चार मजदूर को मैंने 2 दिन वहीं पर खुदाई करते हुए देखा, और अचानक तीसरे दिन मैंने उन लोगों को वहां नहीं देखा, वहां पर काम तकरीबन चार–पांच दिन के लिए रुक गया।
लेकिन फिर एक दिन अचानक देखा की वहां दोबारा से काम शुरू है। लेकिन इस बार वे चार मजदूर नहीं थे फिर से कुछ नए लोग वहां काम पर लगे हुए थे। यह मजदूर भी तकरीबन 3 दिन तक वहां पर काम किया और फिर चौथे दिन से आना बंद और काम भी बंद हो गया।
मुझे थोड़ा शक हुआ मैंने वहां उस जमीन के मालिक से बात किया मैंने सारी बात उससे पूछी, तो उसने बताया की मैं भी हैरान हूं मैं जिस मजदूर को यहां पर काम पे रख रहा हूं वह 2 से 3 दिन काम करता है और पता नहीं अचानक कहां चला जाता है।
मैंने तो उन लोगों को फिर से ढूंढने की कोशिश भी की लेकिन वह लोग इस गांव से ही निकल गए थे। आखिरी हो क्या रहा है मेरे साथ मुझे तो कुछ भी पता नहीं चल रहा है।
उस मालिक की बात सुनकर मुझे भी थोड़ा आश्चर्य हुआ की, आखिर यह कैसे हो सकता है जरूर कोई बात है।
मैं भी उस जमीन को करीब जाकर देखा मुझे वहां पर सब कुछ सामान्य लगा मैंने सोचा यहां पर तो कुछ भी ऐसा नहीं है आखिर बात क्या है।
एक बार रात को जब सब लोग सो चुके थे तो मैं चुपके से उस जमीन के पास गया मेरे हाथ में एक फावड़ा था। धीरे धीरे उस फावड़े से मैंने वहां परसे मिट्टी हटानी शुरू की उस थोड़ी सी खुदाई के बाद मेरे सामने जो चीज प्रकट हुई मेरे तो होश उड़ गए।
मैंने अपने सामने सोने चांदी के जेवरात देखें, मुझे देख कर खुशी भी हो रही थी और डर भी लग रहा था। मैंने वहां से एक भी हार नहीं चुराया और वहीं पर उसे मिट्टी से दबाकर तुरंत अपने घर को लौट आया।
घर आकर मुझे समझ आया की आखिर यहां पर क्यों मजदूर लोग काम कर रहे थे और तुरंत ही काम को छोड़कर चले जा रहे थे। उन लोगों को जैसे ही सोने चांदी मिलते थे वह लोग उसे अपने पास रख कर तुरंत इस गांव को छोड़कर चले जा रहे थे।
मैंने भी एक बात सोची की क्यों ना मैं भी कुछ गहने ले लूं, वहां पर इतने सारे हैं कोई ना कोई तो जरूर ही उसे ले जाएगा।
अगले ही रात मैंने उस जगह से कुछ गहने को चुरा कर अपने घर ले आया। उस गहने की चमक मेरे आंखों में बिजली की तरह कौंध रही थी। मैं काफी खुश था।
पर मुझे इस बात का जरा सा भी अंदेशा नहीं था की मैंने कितनी बड़ी गलती कर दी है।
शुरू में तो मैंने अपने परिवार वालों को भी भनक नहीं लगने दी इस बात की, मेरे पास सोने के गहने हैं। बाद में जो मेरे साथ खौफनाक घटने होने लगे तब जाकर इस बात का खुलासा मैंने अपने परिवार वालों से किया। Chudail Ki Kahani
उस समय गर्मी का दिन था बिजली चली गई थी। इसलिए मैं रात को सोने के लिए अपने छत पर चला गया था वह भी खुले में….
मुझे आंख लगे कुछ ही देर हुए थे कि अचानक मुझे ऐसा लगा मानो सीढ़ियों से कोई तेजी से नीचे उतर गया हो। मैं हड़बड़ा कर उठ गया और इधर उधर देखने लगा लेकिन मुझे कुछ नहीं दिखा तो मैं फिर से वापस आकर सो गया।
फिर इस बार भी कुछ ही देर बाद मुझे किसी ने बहुत जोर से झकझोर कर उठा दिया, डर से मेरे रोंगटे खड़े हो गए।
मैंने इधर उधर नजर दौड़ाई लेकिन मुझे कुछ नहीं दिखा
मुझे लगा शायद मैंने कोई सपना देखा होगा और मैं फिर से सोने चला गया। सुबह हुई तो मैं उस गहने को अपने ही घर में एक अच्छी जगह पर छिपा दिया, जिसे मेरे सिवा कोई नहीं जानता था कि गहने वहां पर है।
अगले ही रात को जब मैं अपने बेड पर सो रहा था। हमारे रूम में काफी अंधेरा था। मुझे बस थोड़ी सी आंख हीं लगी थी कि मुझे ऐसा महसूस हुआ मानो मेरे कानों में कोई औरत कह रही हो कि वह गहने मेरे हैं।
मैं तुरंत चौक कर उठ गया, इधर उधर तो मैंने देखा पर मुझे कुछ भी नजर नहीं आया। जहां पर मैंने गहने छुपाए थे मैं तुरंत वहां जाने लगा, घर में काफी अंधेरा था कुछ भी चीज अच्छे से दिखाई नहीं दे रही थी। फिर भी मैं वहां जा रहा था।
जहां मैंने गहने छुपाए थे वहां पहुंचकर मेरे होश उड़ गए, मैंने देखा कि जैसे ही मैं वहां पहुंचा उस गहने के बगल से कोई काली आकृति तेजी से घर से बाहर निकली हो।
मैं काफी डर गया था मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था यह मेरे साथ क्या हो रहा है।
तुरंत ही मैं उस गहने को देखने के लिए उसके बगल गया, मैंने पाया कि सारे गहने बिखरे पड़े थे मानो उसे किसी ने इधर–उधर किया हो।।।।
मैं समझ गया था यह किसी आदमी का काम नहीं है। क्योंकि जिसे मैंने अपने सामने देखा था वह काली आकृति चुड़ैल की थी। और लगता है ये गहने शायद उसी के हैं।
इस बात को मैंने अपने परिवार में केवल सिर्फ अपने माता पिता को बताया और किसी को नहीं। उन्होंने कहा कि जितने ज्यादा दिन इस गहने को अपने साथ रखोगे हमारी स्थिति और खराब होती जाएगी, शायद कुछ अनहोनी ना हो जाए।
बाद में मैंने उस गहने को अपने घर से थोड़ी ही दूरी पर मिट्टी में दफन कर दिया। मैंने पाया रात को मुझे सपने नहीं आते थे। और मैं अब चैन की नींद सो रहा था।।
इस घटना के तकरीबन 1 महीने बाद फिर मैंने उस गड्ढे को खोदकर देखने की सिर्फ कोशिश की कि उसमें वह गहने मौजूद है या नहीं, फिर मैंने पाया कि वह वहां नहीं थे।। पता नहीं कहां चला गया था।
सामने जिसकी घर बनी थी जिस जमीन पर अब वहां भी मजदूर काम पर लगे हुए थे और किसी तरह की कोई घटना नहीं हो रही थी। अब सब कुछ सामान्य हो गया था।
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