इस संसार में अनगिनत खौफनाक चीज़ें मौजूद हैं। हर एक को जान पाना बेहद मुश्किल है जो घटना पर्दे के पीछे होती है शायद उसे जान पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। परंतु जो घटना पर्दे के बाहर होती है वह तो लोगों से छिप नहीं सकती, और एक न एक दिन इस तरह की खौफनाक घटना लोगों के जुबान पर आ ही जाती है।
सन 1966 गांव टेलहा में जो खौफनाक एवं दर्दनाक घटना घटी जिसने गांव की नींव हिला कर रख दी, लोगों के अंदर इतनी खौफ जाग गई जिसके बाद लोग उस गांव का नाम लेने से भी डरते थे।
सन 1966 में हमारा भारत इतना विकसित नहीं था। यहां तक कि लोगों को सोने के लिए एवं रहने के ईंट के मकान तक नहीं थे। उस समय गांव की गरीबी भी चरम सीमा पर थी। लोगों के पास उस समय केवल फुस के घर ही थे। इसलिए अधिकांश लोग गर्मी के दिनों में घर के बाहर ही सोते थे चारपाई लगाकर
उस समय वह लोग भी जानते थे कि उन्हें बाहर सोने में कितना खतरा है। क्योंकि बाहर से किसी भी समय जंगली जानवरों का हमला हो सकता था। लेकिन मजबूरी में उन्हें सोना ही पड़ता था।
गांव में सब कुछ सामान्य चल रहा था लेकिन एक दिन अचानक ही कुछ ऐसा हुआ कि, गांव की अधिकांश बच्चे बीमार पड़ने लगे, उन्हें खून की उल्टियां होने लगी, सभी बच्चे के पेट में बहुत तेज दर्द होने लगा, दर्द जाने का नाम ही नहीं ले रहा था। सभी बच्चों में एक बात तो समान ही थी की सभी के दर्द पेट में था। धीरे–धीरे उनकी हालत और खराब हो रही थी।
गांव के लोगों ने देखा कि बच्चे जब उल्टियां कर रहे थे तो उनके मुंह से छोटे छोटे कीड़े निकल रहे थे। बच्चे लगातार यही कह रहे थे की हमारे पेट के अंदर कुछ है जो चल रहा है। गांव वाले समझ चुके थे कि जरूर कोई बहुत बड़ी महामारी फैल चुकी है हमारे गांव में
उन लोगों के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह लोग शहर जाकर अपने अपने बच्चे का इलाज करवा सकते थे
एक बार रात को जब अधिकांश लोग जो अपने घर के बाहर सोते थे। उन्हें ऐसा लगा कि उनके चारों ओर कोई घूम रहा हो। उन लोगों ने तुरंत ही उठकर इधर उधर देखा लेकिन अंधेरे में उन्हें कुछ भी नहीं दिखा।
फिर अगले ही दिन सुबह में गांव में एक बात आग की तरह फैली, कई लोगों का कहना था कि जब हम सोए हुए थे तो हमें लगा मेरे बगल कोई है जो मुझे घूर रहा है। और जैसे ही मैं उठा तो देखा कि जंगल के रास्ते कोई औरत अंदर जा रही हो।।।
उधर गांव में बच्चे की हालत दिन प्रतिदिन और बिगड़ती जा रही थी। लोगों को कुछ समझ में नहीं आ रहा था आखिर यह क्या हो रहा है।
उस गांव के ही एक व्यक्ति ने कहा कि, कल जब मैं जंगल के रास्ते जा रहा था तो मैंने दूर पर एक औरत को बैठा देखा था। देखने मैं तो वह औरत बेहद अजीब थी। उसके हाथ में एक धारदार हथियार था। आखिर वह वहां क्या कर रही थी। पेड़ के पीछे छिपकर मैं काफी देर से उसकी हरकतों को देखता रहा, पता नहीं कैसे अचानक ही वहां बहुत तेज की आंधी आई, और वह औरत मेरी नजरों से ओझल हो गई। मैं उसे इधर उधर देखता रहा लेकिन वह मुझे फिर नहीं दिखी। हो सकता है शायद वही औरत हो जो रातों में आती है।
गांव वाले समझ चुके थे की कुछ तो है जो गांव को इतना परेशान करे हुए हैं। क्योंकि अचानक ऐसा होना कैसे संभव है।
गांव के कुछ लोगों ने जंगल जाने का फैसला किया वह देखना चाहते थे कि आखिर उस जंगल में कौन है। जो गांव की तरफ बुरी नजर डाल रहा है। यह सोच तकरीबन 5 लोग उस जंगल की ओर चल पड़े अपने – अपने हाथों में लाठी डंडे और मशाल लेकर……
दोपहर के 11:00 बज रहे थे और अब यह लोग जंगल के अंदर पहुंच चुके थे। जंगल की शुरुआत से हीं तेज हवाएं चल रही थी सूखे पत्तो की खड़ खड़ आहट बेहद डरावनी लग रही थी।
लोगों ने गौर किया कि इतने बड़े जंगल में उन्हें एक भी पशु पक्षी देखने को नहीं मिल रहा था मानो वह कहीं विलुप्त हो गए हो।
फिर भी हिम्मत जुटाए यह लोग घने जंगल की ओर चले जा रहे थे। जंगल के काफी अंदर आकर इन लोगों के पैर थम से गए, इन लोगों ने अपने सामने जंगल के सारे पशु पक्षियों को मरे हुए दिखा, उन्होंने देखा कि सारे पशु पक्षी मर कर इधर–उधर बिखरे पड़े हैं।
इन लोगों ने देखा कि सारे पशु पक्षियों को किसी ने नोच नोच कर खाया हो। यह देख इन लोगों के होश उड़ गए, इन लोगों को समझ में आ चुका था कि इस जंगल में जरूर कोई बात है। आखिर अचानक से ऐसे हालात कैसे हो सकते हैं।। इन लोगों को लग रहा था कि आखिर किस तरह की महामारी फैली है जो लोगों को तथा पशु पक्षियों को भी नहीं छोड़ रहा।।
इतना तो समझ में आ गया था जो कोई भी हो वह है तो इसी जंगल में मौजूद, पर पता यह करना था आखिर यह है कौन।।।।
धीरे–धीरे अब शाम हो रही थी चारों ओर अंधेरा छा रहा था। जंगल की खौफनाक सरसराहट पूरे जंगल पर डेरा डाल चुकी थी। जब काफी अंधेरा हो गया तो यह लोग अपने पास रखे मसाल को जलाकर जंगल के और अंदर जाने लगे।। जंगल के काफी अंदर आ जाने के बाद इन्हें अपने से थोड़ी दूर पर कुछ रोशनी सी दिखाई पड़ी, इन लोगों को लग रहा था कि इतने घने जंगल में इतनी दूर आखिर यहां कौन है।
फिर इन लोगों ने सोचा कि जो कोई भी हो चलकर देखना तो पड़ेगा, और यह लोग उसी तरफ जाने लगे।
जैसे–जैसे ये लोग वहां तक पहुंचने वाले थे। वैसे वैसे इनके कानों में किसी बच्चे की चिल्लाने की आवाज आ रही थी। जहां से रोशनी आ रही थी वहां पहुंचने से 10 कदम दूर यह लोग एक पेड़ के पीछे छिपकर सामने देखने लगे कि आखिर वहां क्या है। अपने पास जल रहे मसालों को भी इन लोगों ने बुझा दिया, और सामने देखने लगे।
अपने सामने इन लोगों ने जो देखा इन लोगों का शरीर हिल कर रह गया। इनके होश उड़ गए। इन लोगों ने देखा कि सामने काले लिबास में एक औरत बैठी हुई है। और उसके बगल मसाल जल रहे हैं। उसके पास तकरीबन एक टोकरी मरा हुआ पंछी रखा हुआ है। और वह औरत एक एक घर के पंछी को आग में जलाकर भस्म कर रही है। और कुछ मंत्र भी बुदबुदा रही थी।
सिर्फ यही नहीं उसके बगल में 5 जिंदा बच्चे जिसके हाथ पैर बंधे हुए थे वह वहां चिल्ला रहे थे। और एक बच्चा था जो मरा हुआ था। उस औरत के पास एक बड़ा कटोरा था। हम लोगों ने देखा कि औरत उस मरे बच्चे का कलेजा चीर कर निकाल रही थी। और कलेजे को निकाल कर उसी पात्र में रख दी।।
हम लोग समझ गए थे कि यह औरत कोई साधारण औरत नहीं है। यह एक डायन है यह तो एक एक करके सारे बच्चे को मार डालेगी। इसी औरत की वजह से सारे बच्चे गांव में बीमार पड़े हैं। अगर हम लोग जल्दी कुछ नहीं किए तो यह औरत इन बच्चों को भी खत्म कर देगी।
हम लोग सोच लिए थे कि हम लोग इस औरत को माफ नहीं करेंगे चाहे जो भी हो।
हम लोगों ने मशाल को फिर से जलाया और हाथ में लिए डंडे को लेकर उस औरत के पास पहुंच गए। हम लोगों ने उस औरत को चारों ओर से घेर लिया, हम लोगों ने पूछा आखिर कौन हो तुम नाम बताओ तो उसने कुछ नहीं बोला और लाल आंखें दिखा कर हम पर गुर्राने लगी, उस औरत का चेहरा बहुत डरावना था। बिखरे बाल , लाल आंखें और खून से सने हाथ देख कर हम लोगों का हृदय भी कांप गया।
ह औरत हमलोगों के बीच से भागने की कोशिश करने लगी, लेकिन हम लोगों ने उसे कसकर पकड़ कर उसके हाथ पैर बांध दिए। लेकिन फिर भी वह औरत हम लोगों की तरफ अपने पंजे मार रही थी। इसी बीच हम लोगों ने डंडे से उसके सर पर जोर से प्रहार किया और वह वहीं बेहोश हो गई। फिर हम लोगों ने सोचा आप जो भी इससे पूछना होगा गांव में चल कर ही पूछेंगे, और हम लोग इस औरत को जंगल से उठाकर गांव में ले आए। और साथ में हम लोगों ने उन बच्चों को भी गांव में ले आए।
इस औरत को देखने के लिए गांव में काफी भीड़ जमा हो गई। जंगल से गांव तक आने में समय काफी हो चुकी थी। रात के तकरीबन 1:00 बज रहे थे। हम लोगों ने सोचा जो भी फैसला करना होगा आज रात को ही करेंगे। क्योंकि कुछ लोग कह रहे थे कि इसका फैसला हम कल सुबह करेंगे। लेकिन हम लोगों ने सोचा कि ऐसा ना कि सुबह के चक्कर में कहीं यह औरत यहां से भाग जाए तब यह हमारे लिए काफी घातक सिद्ध होगी।
गांव के लोगों ने उस औरत को एक पेड़ से बांध दिया। थोड़ी ही देर में उस औरत को होश आई तो लोगों ने उससे पूछा कि आखिर तुम कौन हो और कहां से आई हो क्योंकि तुम इस गांव की तो नहीं हो। तो बताओ आखिर कौन हो तुम।।
वह औरत लगातार यही कहे जा रही थी की तुम में से कोई भी नहीं बचेगा पूरा गांव का विनाश हो जाएगा तुम्हें जो भी करना है कर लो। उस औरत के चेहरे पर डर बिल्कुल नहीं थी।
गांव में गुस्साए लोगों ने उस औरत पर मिट्टी का तेल छिड़ककर उसे जिंदा जला दिया, जिंदा जल रही औरत इतना तेज चला रही थी, मानो उसकी खौफनाक चीखें कलेजा चीर दे
देखते ही देखते वह औरत जलकर खाक हो गई, और उसकी हड्डियां वही बिखर गए पेड़ के नीचे……
गांव के लोगों ने वहां से सारी हड्डियां चुन कर एक घड़े में रखकर नदी में प्रवाहित कर दिया।।
लोग समझ रहे थे अब उनकी परेशानी दूर हो गई क्योंकि उन लोगों के बच्चे सभी ठीक हो गए थे।
पर इस घटना के 2 दिन बाद बहुत सारे लोगों ने गांव में यह बात फैलानी शुरू कर दी की जब वे सोते हैं तो वह जल रही डायन रातों को नींद में आती है। बात यहीं खत्म नहीं हुई कुछ लोगों ने तो यह भी दावा किया कि मैं उस औरत को उसी पेड़ के नीचे देखता हूं।।।
कुछ ही दिन बाद उस गांव में उस डायन का प्रकोप ऐसा छाया की लोग उस गांव को छोड़ कर कहीं और चले गए।।
अभी तक यह पता नहीं लग पाया कि बाद में डायन ने कैसा प्रकोप ढाया की सारे गांव वाले इधर–उधर हो गए।। अभी तक उस गांव को भूतिया गांव माना जाता है। उस गांव का नाम लेते ही लोगों की रूह कांप उठती है
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