यह बिल्कुल सच्ची घटना है। बिहार की राजधानी पटना की…..
पटना के एयरपोर्ट पर शुक्रवार की देर शाम इंडिगो के एक विमान के इंजन में आग लग गई, लेकिन समय रहते उसे केबिन क्रु ने देख लिया इसके बाद पायलट अपनी सूझबूझ से विमान को टेक ऑफ के दौरान इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोक दिया। उस समय दुर्घटना में 174 आदमी बाल–बाल बचे थे।
लेकिन इंडियन एयरलाइंस का विमान उतना सौभाग्यशाली नहीं था, उसके साथ जो घटना घटी वह बिल्कुल अलग थी।
17 जुलाई सन 2000 ईस्वी में सुबह पटना में कटी पतंग की तरह गिरा था वह विमान।
17 जुलाई सन 2000 ईस्वी में पटना में विमान हादसे का खौफनाक मंजर देखा गया था।
कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली एयरलाइंस से संबंधित एयरलाइंस एयर का एक विमान पटना के गर्दनीबाग में जमीन पर आ गिरा था। दुर्घटना में विमान में सवार 55 यात्री और चालक दल के 6 सदस्य समेत गर्दनीबाग स्थित सरकारी आवास के 5 लोगों की मौत हो गई थी।
उस समय एयरलाइंस विमान कोलकाता से दिल्ली की उड़ान पर था सुबह तकरीबन 9:20 बजे पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाला था। वहां एयरपोर्ट के करीब आकर विमान के पायलट का विमान पर से नियंत्रण खत्म हो गया।
इसके बाद भयंकर रूप से विमान आसमान में गोता लगाता हुआ है हाय हाय की आवाज के साथ और बेहद ही तेजी से गर्दनीबाग के उस रिहायशी इलाके में जा गिरा, जहां राज्य सरकार के कर्मचारियों के सरकारी आवास है। विमान जब सरकारी आवास पर जाकर गिरा तो वहां गृह विभाग के सहायक समिति परिवार के 5 सदस्यों की मौत हो गई थी। विमान में सवार केवल 3 यात्री जीवित बचे थे, और कोई भी नहीं बचा था।।
जो यात्री बचे थे बिल्कुल झुलस चुके थे। पर उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाकर बचा लिया गया।
लेकिन बात यहीं नहीं खत्म हुई विमान का मलबा तो इधर उधर बिखरा हुआ था ही लेकिन दो 4 दिन के अंदर उसे साफ कर दिया गया। उसमें तो मारे गए सभी लोगों की मृत्यु तो अकाल ही हुई थी वह भी एक भयावह तरीके से जलकर।।
उस समय किसी के घर में किसी के छत पर दरवाजे पर कुछ विमान का मलबा मिलता था तो किसी की उंगली की हड्डी या मनुष्य का कोई भी अंग जला हुआ मिलता था। विमान का मलबा तो धीरे–धीरे साफ हो चुका था लेकिन उसकी डर लोगों के दिल से अभी तक नहीं गई थी।
उस समय लगातार 3 महीने तक कुछ अजीब सा हो रहा था गर्दनीबाग में…..
कई ऑटो चालक बस चालक एवं अन्य लोग इस बात की पुष्टि करते थे कि हमारे साथ बहुत अजीब सा हुआ था। होता यह था कि अगर कोई ऑटो चालक जा रहा है तो उसे कोई व्यक्ति कोर्ट पैंट में एवं हाथ में एक बड़ा सा बैग लिए हुए ऑटो रोकने को कहता है और उसमें बैठकर आगे ले जाने को भी कहता है।
लेकिन दो–तीन मिनट चलने के बाद अचानक जैसे ही ड्राइवर पीछे देखता है तो पीछे कोई भी नहीं रहता है वह वहां से गायब हो जाता है। इसी तरह कई घटनाएं कभी बच्चे मिलते थे तो कभी औरत यह घटना लोगों को अंदर तक डरा रही थी।। हफ्ते 2 हफ्ते में सभी ऑटो वाले उधर जाने से मना करने लगे थे। लेकिन कुछ दिनों में सब कुछ अपने आप सामान्य हो गया फिलहाल तो वहां कोई खतरा नहीं है।।
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