ये कहानी भेजी हुई है कोलकता के रहने वाले आशीष की जब इनके साथ अजीब अजीब सी घटना होने लगी तब जाकर इन्हें भूत प्रेत जैसे चीजों पर यकीन हुआ।
एक बार की बात है कि जब रात को आशीष अपने बेड पर जब सोया हुआ था तभी उसकी नींद खुल गयी और उसने देखा कि अंधरे में उसके दरवाजे के बगल से कोई गुजर रहा हो, उस समय कमरे की लाइट बन्द थी इसलिए अंधेरे में आशीष को सब कुछ उतना साफ नही दिखा इसीलिए उसने इस बात पे उतना गौर नही किया और फिर जाकर सो गया।।
लेकिन अगली रात जब आशिष सो रहा था तो फिर उसकी नींद खुल गयी लेकिन इस बार आशिष को ऐसा लगा कि उसे किसी ने नींद से जगा दिया हो लेकिन वहां कोई नही था।
आशीष को उस वक्त थोड़ा डर सा महसूस होने लगा, आशिष को ऐसा पहले कभी नही महसूस हुआ था उसने चारों ओर अच्छे से देखा लेकिन कोई भी उसे दिखा, ,,,,,,
आशीष ने कमरे में जैसे ही लाइट ऑन की तो उसने देखा कि कोई व्यक्ति उसके कमरे से बाहर जा रहा है , आशिष जैसे ही उसके पीछे गया तो वो व्यक्ति वहां से गायब हो गया
आशिष को अपने आंखों पे यकीन नही हो रहा था कि ये सब सच है क्यों कि आशिष इन भूत प्रेत जैसी चीजों पर यकीन नही करता था।
लेकिन आज सच मे आशिष का पाला एक भूत से पड़ गया था आशिष ने सोचा कि मैं जाकर अपने पिताजी को उठाता हूं और जैसे ही वो उनके कमरे तक जाने लगा तो अचानक वो व्यक्ति उसके सामने आ गया वो व्यक्ति एक फटा सा गंदी चादर ओढ़े हुए था और उसका चेहरा भी बहुत डरावना था।
आशिष उसे देखकर बेहोश हो गया।।।
सुबह जब उसके घरवाले ने देखा तो एकदम से घबरा गए उन्हें लगा आखिर ये यहां क्यों सोया हुआ है।।
लेकिन जब आशिष को होश आया तो उसने सारी बात अपने घरवालों को बताया तब से जाकर आशिष को भूत प्रेत पर यकीन होने लगा कि ये सब भी इस संसार मे मौजूद हैं।।
ये सब चीज़ एक भटकती आत्मा होती है जो किसी को भी दिख सकती है।
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