Amazon .In

शमशान साधना || Horror Story in Hindi || 2021 ||


 


कुछ घटनाएं खुद पर खुद घटित होती है परंतु कभी कभी जानबूझकर घटनाओं को आमंत्रित किया जाता है। यह कहानी बिल्कुल अलग तरह की है। इस संसार में सबसे बुरी चीज है गरीबी। गरीबी ही व्यक्ति को क्या से क्या बना देता है ऐसा ही एक कहानी है नालंदा के रहने वाले योगेश प्रताप की।

 

यह बात है सन 1996 कीयोगेश नालंदा के एक छोटे से गांव में रहा करते थे देश का एक छोटा सा परिवार था जिसमें वह अपने दो बच्चियां एवं उनकी पत्नी रहती थी। उस समय एक एक पैसे का बड़ा महत्व था उस समय योगेश एक छोटी सी फैक्ट्री में मजदूर का काम किया करते थे जिनसे उन्हें थोड़े से पैसे मिल जाते थे जिससे उनके परिवार का भरण पोषण हो पाता था। बहुत अच्छी तरह से तो नहीं फिर भी काम चलता था


फिलहाल उनका समय तो इसी तरह से चल रहा था लेकिन अचानक उनके जीवन में एक भयानक परिवर्तन हुआउदय फैक्ट्री से निकाल दिया गया पैसे चोरी का इल्जाम लगाकर। पर यह बात गलत थी वह चीख चीख कर कह रहे थे लेकिन लोगों ने उनकी एक भी नहीं सुनीउन्हें बेइज्जत करके उस फैक्ट्री से बाहर निकाल दिया गया। अब उनकी नौकरी जा चुकी थी लेकिन वह हिम्मत नहीं हारे थे वह हर जगह नौकरी तलाशते रहे और हर बार उन्हें मुंह की खानी पड़ी।

 

दिन बहुत थक हारकर वह घर में आकर बैठ गएउस समय उनके पास जो पहले से पैसा था वह भी खत्म हो चुके थे। कहा जाता है कि जब गरीबी आती है तो आप के अंदर का हुनर छीन लेती है। वे अपने घर का हालत देख कर बहुत परेशान थे अब तो घर में खाने के लिए भी कुछ नहीं था। उनका कहना था। वे खुद तो किसी तरह रह लेंगे लेकिन उनकी बच्ची का क्या हुआउनकी पत्नी का क्या होगा। यह  सब सोचकर अंदर ही अंदर घुट रहे थे और बहुत ही तनाव में थे उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि अब वह क्या करें हर तरफ से रास्ता बंद हो चुका था


एक समय वह रात को जब एक मंदिर से भगवान का दर्शन करके लौट रहे थे। रात काफी हो चुकी थी। कच्ची सड़क थी अंधेरी रातघने पेड़ पर चमगादड़ की फड़ फड़ आहट एवं झींगुर की भयावह आवाज थी। उसी बीच चलते चलते अचानक उन्हें अपने सामने एक बूढ़ा व्यक्ति दिखाई देता है। वे रुक जाते हैं। उन्हें लगता है इतनी रात गए कोई बुजुर्ग व्यक्ति यहां क्या कर रहा है। वह हल्का डरते डरते उसके करीब गए और पूछा कौन हैं आप और इतनी रात को यहां क्या कर रहे हैं। बूढ़ा व्यक्ति कुछ देर चुप रहा और फिर बोला मेरी छोड़ो तुम बताओ तुम कौन होयोगेश जैसे ही अपना नाम बोलने जा रहे थे तभी वह बूढ़ा व्यक्ति बोल पड़ा तुम्हारा नाम योगेश है नातुम्हारी 2 बच्ची भी है और पत्नी भी


यह सुनकर योगेश के पैर तले जमीन खिसक गई उन्हें लगा अरे इन्हें कैसे पता चला इतना सब मेरे बारे में , वे डरने लगे और वहां से जाने की कोशिश करने लगे। तभी अचानक उस बूढ़े व्यक्ति ने इनकी हाथ पकड़ ली , और कहने लगा रुको तो जरा पहले यह बताओ आखिर तुम इतने परेशान क्यों हो। योगेश रुक गए और कहने लगे मुझे अपनी परेशानी आपको बताने से क्या फायदा वैसे भी कुछ तो होने जाने वाला नहीं है। तो उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा पहले बताओ तो सही शायद मैं तुम्हारा कोई मदद कर सकूं।


तब योगेश अपनी पूरी आपबीती उसे सुनाई। तब बूढ़े व्यक्ति ने कहा मैं जो भी तुम्हें कहूं क्या वह करोगे इससे तुम्हें बहुत पैसे आ जाएंगे और तुम्हारी गरीबी मिट जाएगी। पैसे की बात सुनकर योगेश अंदर से थोड़ा खुश हो गए और कहने लगे कृपया वह उपाय मुझे बताएं मैं कुछ भी करने को तैयार हूं अपने परिवार के लिए। तो बूढ़ा व्यक्ति ने बोला ठीक है मैं तुम्हें बताता हूं। तुम्हें श्मशान साधना करनी होगी बस यही एक जरिया है पैसा लाने की। योगेश कहने लगे यह श्मशान साधना क्या है मुझे तो इसके बारे में कुछ भी नहीं मालूम।

उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा मैं जो भी तुम्हें बताऊंगा बस वही सब तुम्हें करना है। तुम कल रात 12:00 बजे से पहले यहां इसी जंगल में दक्षिण की ओर आनापर खाली हाथ नहीं तुम्हें एक बड़ा सा लाल कपड़ा और एक काला कपड़ाऔर एक नींबू और साथ में घी का एक दिया लाना है। और सबसे महत्वपूर्ण बात किसी को भी इसके बारे में नहीं बताना है और साथ में किसी को यहां तक नहीं लाना है। योगेश ने कहा ठीक है मैं ऐसा ही करूंगा जैसा आप चाहते हैं। और यह कह कर वे अपने घर की ओर लौट गए


बुरे व्यक्ति के कहे अनुसार अकेली रात को 11:00 बजे योगेश सब समान लेकर बिल्कुल तैयार थे। उनकी पत्नी उन्हें देखकर पूछने लगी आखिर आप इतनी रात को कहां जाने वाले हैं और क्या करने वाले हैं। योगेश ने कहा मैं दो 4 घंटे के अंदर लौट आऊंगा तुम परेशान मत होना। और यह कह कर घर से निकल पड़े।

अब रात के 11:00 बज चुके थे और थोड़ी ही देर में चलते चलते वह दक्षिण की और जंगल में पहुंच गए पहुंच गए। वहां उन्होंने नजर घुमाया तो वहां बूढ़ा व्यक्ति नहीं था वो कहने लगे लगे कहां हैं आप मैं आ गया हूं। तभी अचानक उनके पीछे से उस बूढ़े व्यक्ति ने पुकारा और कहा मेरी और आओ चलो यहां से थोड़ी ही दूर पर शमशान है वहीं चलो। योगेश उसके पीछे पीछे चलते चलते वहां तक पहुंच गए। वहां पहुंचकर योगेश ने देखा कि वह बूढ़ा व्यक्ति एक जली हुई चिता की राख पर जा कर बैठी है।


और वह योगेश को भी वही बैठने को कहा। योगेश सोच में पड़ गए। तभी अचानक बूढ़ा व्यक्ति ने बोला समय बर्बाद मत करो जल्दी आओ बैठो यहां। पैसे की लालच गरीबी से परेशान योगेश वही चीते पर बैठ गए। बुरे ने उनसे कहा जो भी सामान तुम अपने साथ लाए हो उसे यहां रखोयोगेश ने पूरा समान वहीं पर रख दिया।

बूढ़े व्यक्ति ने उस लाल कपड़े को वहां बिछाया और उस पर नींबू रखकर के अगलबगल चीते की राख से एक यंत्र का चित्र बनाया और उसे काले कपड़े से ढक दिया और मन ही मन कुछ मंत्र पढ़ने लगा। पूरे 12:00 बज चुके थे। और उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा तुम अपनी आंखें बंद कर लो कुछ देर के लिए और जब तक मैं ना कहूं अपनी आंखें मत खोलना चाहे कुछ भी हो। और योगेश ने अपनी आंखें बंद कर ली। कुछ ही मिनटों में वह बूढ़ा व्यक्ति मंत्र पढ़ने लगा और योगेश की आंखें बंद थी


थोड़ी ही देर बाद योगेश ने महसूस किया कि इतनी गर्मी में भी उसे ठंड लग रही है बूढ़े व्यक्ति के कहे अनुसार योगेश की आंखें तो बंद थी लेकिन योगेश को ऐसा महसूस हो रहा था उसके अगल बगल से कोई गुजर रहा है किसी औरत के पायल की आवाज ,जोर से चलने की आवाज इसकी रोंगटे खड़ी हो रही थीयोगेश ने हिम्मत नहीं हारी और थोड़ी ही देर बाद उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा अपनी आंखें खोलो। योगेश ने अपनी आंखें खोली और कहा बाबा और हमें क्या करना होगा


उस बूढ़े व्यक्ति ने ज्यादा कुछ नहीं किया उसने योगेश को एक कागज की पुड़िया दी और कहा यह लो इस चिता की राख है जो अब सिद्ध हो चुकी है इसे ले जाकर तुम अपने घर के कोने में रख दो इसे बाहर मत फेंकना और रोज इसके सामने एक घी का दिया सिर्फ जलाना  है और कुछ भी नहीं करना है तुमको जाओ ले जाओ इसे। ध्यान रहे तुम्हें अपने घर में मौजूद सभी ईश्वर  के तस्वीरों को हटा देना है। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह की दोतीन दिन पूजा करने के बाद तुम्हारे अगलबगल किसी स्त्री के होन का एहसास होगा पर तुम डरना मत तुम्हें उससे कोई खतरा नहीं है। योगेश लिए यह सब बड़ा मुश्किल था लेकिन फिर भी गरीबी की तंगी के कारण उसे यह सब करना ही पड़ा।

उसने अपने घर में से ईश्वर की सारी मूर्तियां हटा दी और बाबा के कहे अनुसार सब काम करने लगावह नित्य दिन अंधेरे में एक कोने में जाकर सामने एक ही का दिया उस राख के बगल में जलाया करते थे


उनके घर में मौजूद उनकी बेटी और पत्नी ने पूछा आखिर आप ये सब क्या कर रहे हैं इससे क्या होने जाने वाला है। तो उन्होंने बाबा की कही पूरी बात अपने परिवार को बताईलेकिन फिर भी उनकी पत्नी को इन सब पर यकीन नहीं हो रहा था।

यह सब किए 2 दिन गुजर गए थे लेकिन उनके जीवन में कोई सुधार नहीं हुआ पर अचानक ही उनके जीवन में अजीब अजीब सी घटना होने लगी। एक बार उन्हें राह चलते चलते एक सोने की अंगूठी मिली जो काफी कीमती थी। एक बार जब वह सुबह उठे तो उनके दरवाजे पर नोटों की कई सारी गड्डी रखी हुई थी। वे देखकर एकदम चौंक गए उन्हें लगा इतनी सारी नोट यहां पर कौन रख गयातब उन्हें बाबा का ख्याल आया मैं लगा कि बाबा की कही बात सच हो रही है।

उनके जीवन में अब तेजी से सुधार हो रहा था जब वह किसी काम को करने जाते बस तुरंत ही हो जाता बना बनाया काम बन रहा था हर चीज सकारात्मक हो रही थी उनके लिए धीरे धीरे देखते ही देखते वह काफी पैसे वाले इंसान हो गए। उनके पास किसी भी चीज की कमी नहीं थी दो गाड़ियां उनके दरवाजे पर खड़ी रहती थी और उन्होंने एक बड़ा सा घर भी बना लिया अब उनकी गरीबी पूरी तरह मिट गई थी। वे अपने जीवन से पूरा संतुष्ट थे।

अब वे कामों में फंसकर पूजा करना छोड़ दिया था अब उन्हें यह भी ध्यान नहीं था कि हमें पूजा भी करनी है वह खुद के काम में इतना मसरूफ हो गए की वह यह सब करना भूल गए। और अपनी एक बड़ी बेटी का शादी भी वह कर गए। उन्हें यह मालूम नहीं था जो काम पहले करना है उसे वह बाद में कर रहे थे


और एक दिन रात को जब योगेश अपनी पत्नी के साथ बेड पर सोए हुए थे तो अचानक उनके बगल से कोई गुजराउनकी आंखें खुल गई उन्होंने कमरे में लाइट को जलाया और हर तरफ देखा लेकिन कोई भी नहीं था। अब रात में उन्हें रोज डरावने सपने आते रहेजैसे उन्हें सपने में जलती चिता पर एक औरत लेटी हुई दिखाई देती थी जो चीज चिल्ला रही थी तड़प रही थी। उनके चेहरे से रंगत उड़ चुकी थी पहले वाली वह खुशी नहीं झलक रही थी इनके चेहरे से।

यह का जीवन फिर से एक बार पलटी खाई इस बार इन्हें इतनी सताने वाली थी कि यह सोच भी नहीं सकते थे। अब इनके द्वारा बना बनाया हर काम बिगड़ रहा था हर काम में बाधा आ रही थी। घर में कभी बेटी बीमार पड़ जाती तो कभी पत्नी और कभी कभी तो खुद बीमार हो जाया कर रहे थे। धीरेधीरे बिन की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी थी और अब इनके साथ प्रेत आत्माओं ने खेल खेलना शुरू कर दिया था।

हर रात को उनका परिवार जब सोता था तो हर व्यक्ति को एक भयानक सपना दिखाई देता था। एक बार योगेश को लगा कि उसके सिरहाने कोई सोया हुआ है और उसका गला दबा रहा है और वे बोल भी नहीं पा रहे हैं। एक बार तो उन्हें लगा उनके पलंग के नीचे भी कोई है उनके पीछे कोई हैउन्हें अपने चारों ओर आत्माएं दिखने लगी थी  जानू को अपने रूम में चिल्ला उठे। उनकी आवाज सुनकर बगल के रुम में सोई उनकी बेटी वह दौड़ कर वहां आई और कहने लगी क्या हुआ इतनी जोर से चिल्ला क्यों रहे हैं आप आखिर क्या हुआ आपको। तब योगेश ने अपनी सारी बात उन्हें सुनाई।

उनकी यह बात सुनकर उनकी बेटी भी यह कहने लगी , की कुछ दिनों से मुझे भी यही सपने दिखाई दे रहा है और मुझे भी बहुत डर लग रहा है मैं भी एक औरत को देखती हूं चिता पर जलती हुई।


तभी उनकी पत्नी कहने लगी मैं अपनी बड़ी बेटी को बुलावा भेजता हूं कहीं वह भी तो यह सब नहीं देख रही है।

योगेश ने कहा नहीं नहीं उसे मत बुलाओ वह भी यहां आकर फस जाएगी उसे रहने दो।

उस रात तीनों में से कोई व्यक्ति नहीं सोया और रात भर डर के साए में रात काटी।

सभी लोग अंदर से एकदम डरे हुए थे उन्हें दिन में भी अजीब अजीब आवाजें सुनाई देती थी जैसे कोई औरत कौन है मैं रो रही हो।

योगेश को पैसे कमाने का यह गलत जरिया बहुत ही महंगा पड़ा। योगेश को लगा आखिरी हमारे साथ क्या हो रहा है अचानक उसे बाबा का ख्याल आया और अपनी इस पूजा के बारे में योगेश को लगा अरे मैंने तो पूजा छोड़ दी थी शायद इसी वजह से यह सब मेरे साथ हो रहा है।

उसी दिन योगेश ने अपनी छोटी बेटी को अपने बड़ी बेटी के यहां जाने को कहा। और योगेश अपने पत्नी सहित उस बाबा से मिलने रात को निकल पड़े। इस कहानी में उनकी छोटी बेटी सोनम और बड़ी बेटी राघवी के कहे अनुसार उनके मातापिता की खबर आई कि उन दोनों का कुछ पता ही नहीं चला।


बताती है अगर उस दिन मैं यहां नहीं आती तो अपने माता पिता के बारे में जानती कि वह कहां है आखिर वह कहां चले गए। हम लोगों ने पुलिस थाने में रिपोर्ट तक लिखवाए लेकिन आज तक उनका कुछ भी पता नहीं चला आखिर वह कहां चले गए। उस समय हम लोग बहुत डरे हुए थे। पहले वाले उस अपने घर में हम लोग अब नहीं जाया करते थे वह दूर से ही देखने में वीरान एवं भुतहा लगती थी उस घर पर हम लोगों ने ताला लगा दिया। और जब भी मैं उस घर के बगल से गुजरती हूं और मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं और सारी यादें ताजा हो जाती है।

कहा जाता है श्मशान साधना एक उग्र साधना है पैसे लाने का एक अच्छा उपाय है लेकिन ऐसा नहीं है इसमें प्रेत आत्माओं का काम लिया जाता है जिस तरीके से तेजी से पैसे आपके पास आते हैं उसी तरीके से वह वापस भी चले जाते हैं आपसे। राघवी एवं सोनम के मनाही अनुसार इस कहानी में उनके घर का पता दर्शाया नहीं गया है

Post a Comment

0 Comments