Amazon .In

अनोखी दास्ताँ || Paranormal Story in Hindi || 2021 ||


 


हैदराबाद की रहने वाली पैरानॉर्मल एक्सपर्ट कुमारी स्मृति ने महज 29 साल में जो नाम और शोहरत कमाएं हैं वह अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है।

पर अचानक हुई इनकी रहस्यमई मौत ने सब को हिला कर रख दियाकिसी ने न सोचा था कि सामान्य चल रहा इनका जीवन अचानक से तबाह हो जाएगा।

इनकी मृत्यु के पश्चात जब पुलिस वालों ने इनके परिवार वालों से पूछताछ शुरू की तब इनके परिवार वालों ने इस बात से साफ इनकार कर दियाइनके परिवार वालों का कहना था कि स्मृति के मौत के बारे में इन्हें कुछ भी नहीं मालूम क्योंकि स्मृति पूरी तरह से स्वस्थ थीं।

उन्हें अंदरूनी भी कोई बीमारी नहीं थी हां यह बात सच थी कि एक पैरानॉर्मल एक्सपर्ट होने के नाते वह हर समय भूत प्रेतों के बारे में ही सोचते रहते थे। उनके हाथ में हर समय एक छोटी सी डायरी एवं एक कलम उनके साथ रहती थी। वे अपने साथ घटने वाली हर घटना को उस डायरी में लिखा करते थे।


किसी के यहां से उनके पास कोई कॉल आता था तो वह आधी रात को भी उसके पास चले जाते थे। वे अपने काम को बेझिझक एवं पूरे बुलंदी के साथ किया करते थे। और आज तक कभी भी हम लोगों ने उनकी डायरी को छुआ तक नहीं……।।

जब पुलिस वालों ने स्मृति की डायरी उनके परिवार वालों से मांगनी लगी तो इनके परिवार वालों ने वह डायरी छुपा दीऔर पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगने दी की डायरी इन्होंने कहां रखी है।।

पुलिस के जाने के बाद जब इनके परिवार वालों ने उस डायरी को पढ़ना शुरू किया तो उनके होश उड़ गएऐसी अनोखी बात जिस पर किसी व्यक्ति को यकीन तक ना आएपर वह हर एक बात सच थी। आखिर क्या लिखा था स्मृति ने और क्यों……

स्मृति के डायरी में लिखा हुआ था कि..

रात के 1:00 बज रहे थे  अचानक फोन की घंटी बजने से मेरी नींद खुल गईमुझे लगा इतनी रात गए आखिर कौन हो सकता है। जब मैंने इधर से कॉल किया तो उधर से किसी औरत की आवाज आईऔरत बोल रही थी क्या आप मेरी समस्या को सुलझा सकते हैं।

मैंने पूछा कि आखिर आप बोल कहां से रही होतो उसने जवाब दिया कि मैं कश्मीर से बोल रही हूं अगर आप यहां तक आ सकते हैं तो आपकी बहुत बड़ी कृपा होगी


एक क्षण के लिए तो मैं भी चौंक गई मुझे लगा कि इतनी दूर से कौन हो सकता है। फिर मैंने सोचा कोई बात नहीं चला जाएगा मैंने उस औरत से उसके घर की पूरी जानकारी ली , और अगले 2 दिनों के अंदर उस औरत के कहे अनुसार उसके घर के तक पहुंच गई।

जहां उस औरत का घर था वहां तक कोई गाड़ी वाला जाने को तैयार नहीं था। गाड़ी से चलने के बाद भी मुझे तकरीबन 3 किलोमीटर का रास्ता पैदल ही तय करना पड़ा। 

उसका घर जंगल के एकदम बीच में था ईंटों से बने पक्के मकान बाहर से देखने में तो एकदम सामान्य लग रहे थ।अन्य मकानों की तरह


जब मैं उसके दरवाजे पर पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था। मैंने दरवाजे पर दस्तक दी तो कुछ क्षण में एक औरत ने आकर दरवाजे को खोला  , मैंने पूछा क्या आप वही है जिसने मुझे कॉल किया था।

तो उसने कहा हां मैं वही हूं मैंने ही आपको बुलाया है आइए आप अंदर आकर आराम से बैठिये.. घबराने की कोई बात नहीं है आप इतनी दूर से यहां तक आए हैं थक चुके होंगे मैं आपके लिए पानी लेकर आती हूं। और यह कह वो रसोई घर की तरफ चली गई।

थोड़ी देर में उसने मेरी ओर पानी की एक गिलास बढ़ाई और मेरे सामने सोफे पर बैठ गई।

मैंने देखा कि जब वह औरत रसोई घर से आ रही थी तो उसके पैर भीगे हुए थे। लेकिन उसके पैरों के निशान उसके फर्श पर नहीं पढ़ रहे थे फर्स बिल्कुल सूखा हुआ था उस पर पानी की एक भी बूंद नहीं थी। मुझे थोड़ा यहां अजीब लग रहा था मैंने तुरंत ही उस औरत से पूछा कि आखिर आपने मुझे यहां किस काम से बुलाया था


और आप शहर से इतनी दूर यहां पर क्यों घर बना रखा है क्या आप अकेली रहती हैं यहां पर या और कोई भी रहता है। 

तो उसने जवाब दिया कि मेरे साथ मेरी एक बेटी रहती है। 

मैंने कहा ठीक है आप अपनी समस्या बताएं आखिर किस वजह से आपने मुझे यहां बुलाया।

उस औरत ने कहा कीमेरी बच्ची अभी अपने कमरे में सोई हुई है। और जब वह सो कर उठती है तो उसे बाहर से ढेर सारे छोटे बच्चे की पुकारने की आवाज आती है। और मेरी बच्ची जंगलों की तरफ चली जाती है मैं देखती हूं कि वह एक पेड़ से पूरी तरह चिपक कर कान को लगाए रहती है।

मानो पेड़ से कुछ आवाज आ रही हो जिसे यह सुनना चाहती है। जब मैं उससे पूछती हूं तो वह कहती है कि मां मुझे पेड़ों के अंदर से एक लड़की पुकारती है जो काफी कष्ट में है। 

उसे किसी ने अंदर कैद कर रखा है वह रोती रहती है और हमें आवाज लगाती है।

मैंने उस औरत से कहा कि मैं खुद तुम्हारी बेटी से मिलना चाहती हूं। मुझे उसके कमरे तक ले चलोउस औरत ने कहा कि वह देखिए सामने है उसका कमरा आप चलिए मैं आती हूं।


सीढ़ियों से चढ़कर मैं उस बच्ची की कमरे तक पहुंच गयी।

मैंने देखा कि कमरे का दरवाजा खुला हुआ है और सामने बेड पर एक बच्ची सोई हुई है। जैसे ही मैंने उसकी और अपनी कदम  बढ़ाई वह बच्ची अचानक से उठकर खिड़की से छलांग लगाकर छत से नीचे कूद गई।

तुरंत ही मैंने खिड़की से नीचे झांका तो मेरी आंख फटी की फटी रह गईवो बच्ची  मर चुकी थी और उसके शरीर कट कर दो हिस्सों में बट गई थी। बच्ची की हालत देख मेरे होश उड़ गए आज तक कभी कुछ ऐसा मैंने नहीं देखा था।

मैं तुरंत ही उसकी मां को आवाज लगाई लेकिन वह घर में नहीं थी। मैंने पूरी घर को छान मारी लेकिन उसकी मां भी कहीं नहीं दिखीआखिर यह मेरे साथ क्या हो रहा था मुझे कुछ नहीं पता चल रहा था।

बाहर देखते ही देखते तेज की आंधी चलने लगी मैं तुरंत ही घर से बाहर निकली तो देखा कि सामने पेड़ों पर ढेर सारे पंजों के निशान बने हुए थे जिससे खून टपक रहे थे। और उस जंगल में अजीब अजीब आवाज गूंजने लगीआज तक मुझे कभी डर नहीं लगा था आज मैं पूरी तरह पसीने से भीग हुई थी। मैं तुरंत ही उस घर को छोड़ वहां से भागने लगी।

भागते वक्त मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो मेरे शरीर के भीतर कोई और प्रवेश कर गया हो जो मेरे साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुझे उल्टियां आने लगी मेरा स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ने लगा मुझे कुछ नहीं पता चल रहा था आखिर मेरे अंदर क्या है। लग रहा था मेरे अंदर कोई और सांस ले रहा है।…….

उनके डायरी में सिर्फ इतना ही लिखा हुआ था इस घटना के बारे में ..


इस घटना के तकरीबन 3 महीने बाद ही अचानक उनकी मृत्यु हो गई जैसा कि उनके परिवार वालों ने बताया।।

आखिर ऐसी क्या बात थी कि उन्होंने इस घटना को अपने परिवार वालों से खुद नहीं कहा।।।

क्या वह लाश स्मृति की थी या किसी और की

Post a Comment

0 Comments