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अंधेरी गुफा || Pret Aatma Ki Kahani || 2021 ||


 


इस संसार में कई ऐसी प्राचीन जगह मौजूद है जहां लोग भ्रमण के इरादे से आते जाते रहते हैं। पर वहां आने जाने वाले व्यक्ति को यह मालूम नहीं पड़ता कि वह जगह कैसी है। उन्हें जो इतिहास में दर्शाया जाता है वह उसी को मानकर ऐसी प्राचीन जगहों पर आया जाया करते हैं।
इस संसार में हर चीज का दो पहलू है। पर यहां के व्यक्ति सिर्फ एक पहलू को जान पाता है। और दूसरी पहलू को अज्ञानता बस समझ नहीं पाता और उसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ता है।
ऊंचे ऊंचे पर्वत पर लगे पेड़ों की हरियाली मन को अंदर से सिंच देती है। इसी तरह की खूबसूरत वादियों को देखने के लिए लोग ऐसे ही जगह पर जाया करते हैं।
बिहार में मौजूद ऐसे ही बराबर पहाड़ भी अपने आप में प्रकृति की खूबसूरती को  समेटे हुए शांति से खड़ी है।
बराबर पहाड़ बिहार में मौजूद अन्य सभी पहाड़ों से बड़ा है।


इस पहाड़ के सबसे ऊपरी चोटी पर भगवान शिव का एक मंदिर भी है। जिसे लोगों को दर्शन करने के लिए तकरीबन 672 सीढ़ियों को चढ़कर पार करना होता है।
यहां भगवान का दर्शन करने के लिए दूर दूर से आए श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है। यहां की प्राकृतिक छटा मनमोहक है। यही खूबसूरती लोगों को अपनी और आकर्षित करती है यहां आने के लिए…….
वैसे तो बराबर पहाड़ में ना जाने कितनी गुफाएं हैं। जिसके बारे में जानना बेहद मुश्किल है।
पहाड़ के सबसे निचले हिस्से में सतघर नाम का एक बहुत बड़ा गुफा है।  जिस पर लोहे की ग्रिल लगाकर बाहर से बंद किया गया है।
कहा जाता है कि यह एक रहस्यमई गुफा है इस गुफा के अंदरूनी दूरी के बारे में आज तक किसी को मालूम नहीं पड़ा है।
यह किसी को मालूम नहीं कि यह गुफा अंदर से कहां जाकर मिलती है और कहां जाकर खत्म होती है।
कहा तो यहां तक जाता है कि यह गुफा अंदर से ऐसी ऐसी हिस्सों में फैली हुई है की जहां लोगों का पहुंचना बेहद मुश्किल है।
कुछ लोग तो यह कहते हैं कि इस गुफा में अभी तक कई ऐसे ऋषि मुनि तपस्या कर रहे हैं जो महाभारत और रामायण के युग के थे। लोगों का मानना है कि इसके अंदर सोने और हीरो के कई खजाने मौजूद है।


पहले इस गुफा की मुख खुली हुई थी परंतु बाद में कुछ कारणवश इसे बाहर से बंद कर दिया गया।
और क्या थी वो कारण मैं आपको बताता हूं।
कहा जाता है कि वर्ष 1967 को एक अजीब सी घटना घटी जिसके बाद गुफा को बाहर से बंद कर दिया गया।
यहां घूमने के लिए तो कई देशों से लोग आते हैं। ऐसे ही एक बार 1 तीर्थयात्री चीन का यहां आया था। वह भी यहां के  प्राचीन जगहों को घूमने के इरादे से आया था।
वह अकेला ही आया था पहले तो वह यहां कई दिनों तक रहा और यहां की खूबसूरती को सराहता रहा,
यही का एक गार्ड उस चीनी यात्री को हर जगह ले जा रहा था। उस गार्ड ने उस चीनी यात्री को बराबर की ऐतिहासिक चीजों को के बारे में बताता था।
एक बार गार्ड उस चीनी यात्री को सत घर दिखाने के लिए ले गयाउस गुफा के समीप पहुंच कर उस चीनी यात्री ने गार्ड से पूछाजहाज की आकार में दिख रही इतनी बड़ी चीज क्या है।


तो गार्ड ने अंग्रेजी में ही सत घर के बारे में उस चीनी यात्री को सब कुछ बतायागार्ड ने बताया कि यह एक रहस्यमई गुफा है यह किसी को पता नहीं कि यह गुफा अंदर में कहां जाकर मिलती है और कहां जाकर खत्म होती है।
और ऐसा माना जाता है कि इसके अंदर सोने के कई खजाने भी मौजूद हैं।
तो उस चीनी यात्री ने भी गार्ड से पूछा कीइसके अंदर कोई जाता क्यों नहीं है।
तब गार्ड ने बताया कीऐसा माना जाता है कि यह गुफा काफी खतरनाक है। यहां बड़े बुजुर्गों का मानना है कि इसके अंदर कई खतरनाक जंगली जानवर हो सकते हैं।
और क्या हो सकता है कोई नहीं जानतायही कारण है कि आज तक किसी की हिम्मत नहीं हुई के अंदर जा सके।।
वह गार्ड बहुत लोभी और चालबाज भी था।


ऐसा कहा जाता है कि गार्ड बहुत दिनों से बेचैन था उस गुफा के अंदर जाने के लिए क्योंकि वह जानता था इसके अंदर कई खजाने मौजूद है।
वह अपने साथ अंदर जाने के लिए कई लोगों को कह चुका था पर किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वह उसके साथ अंदर जाए।
पर आज वह दिन आ गया था। वह  गार्ड समझ चुका था कि मैं इस चीनी यात्री को मनाता हूं अंदर जाने के लिए यह मेरे साथ जरूर जाएगा।।।।।
उस गार्ड ने उस चीनी यात्री से कहायह बात सही है कि आज तक इसके अंदर कोई नहीं गया। पर जरूरी नहीं कि इसके अंदर खतरनाक चीज मौजूद है अगर आप चाहें तो अंदर जा सकते हैं।


और अगर ऐसी बात है तो मैं भी आपके साथ चलूंगा। क्या कह कर गार्ड उसे अपनी बातों से रिझाने लगा।
तब उस चीनी यात्री ने कहाठीक है अगर आप अंदर चल सकते हैं तो चलिए मैं भी देखना चाहता हूं। आखिर यह गुफा अंदर से कैसा है।
उस चीनी यात्री की बात सुनकर गार्ड अंदर से काफी खुश हो गयाऔर कहा ठीक है कल रात को 11:00 बजे सिर्फ हम दोनों अंदर प्रवेश करेंगेऔर यह बात आप किसी को मत बताइएगाऔर यह कह कर गार्ड ने उस चीनी यात्री को सब कुछ समझाया।।।
अगले दिन रात को 11 बजे वे दोनों सबसे नजरें बचाते हुए उस गुफा के करीब पहुंचे।
वह चीन यात्री तो उस गुफा के बारे में रेत के कण के बराबर भी कुछ नहीं जानता था।


उस चीनी यात्री को पता भी नहीं था कि वह अपने जीवन की सबसे बड़ी भूल करने जा रहा है। वह खतरनाक रहस्यमई गुफा उनके साथ क्या खेल खेलने वाला था। वह इस बात को नहीं जानते थे।
जानता तो गार्ड भी सब कुछ नहीं था। वह गुफा के सिर्फ एक पहलू को देख रहा था। उसे लग रहा था कि इसके अंदर खजाने ही खजाने हैं। और हम जल्द ही मालामाल होने वाले हैं। और वह गुफा के दूसरे पहलू को समझ नहीं आ पा रहा था। और वह अंदर जाने के लिए अब तैयार था।
गुफा के अंदर प्रवेश करने से पूर्व वे दोनों इधर उधर देख रहे थे। कहीं कोई हमें देख तो नहीं रहाऔर जब वे लोग समझ गए कि हम सुरक्षित हैं तो वे दोनों अंदर प्रवेश कर गए।
उन दोनों के कंधों पर बैग थी।  उनके हाथ में टॉर्च थी। गुफा के शुरुआत में ही इतना अंधेरा था कि वे लोग शुरू से ही टॉर्च को जलाएं हुए अंदर की ओर जा रहे थे।
जैसे जैसे वह अंदर जा रहे थे गुफा की खामोशी और बढ़ रही थी। धीरेधीरे वह गुफा और भी अंधेरी होती जा रही थी


उन्होंने गुफा के अंदर मौजूद दीवारों को अपने हाथों से स्पर्श कियावह दीवार काफी चिकनी थी और उस दीवार पर कुछ अजीब अजीब शब्दों में कुछ लिखा हुआ था जिसे वे लोग समझ नहीं पा रहे थे। और वह धीरेधीरे आगे की ओर चले जा रहे थे।
उस गुफा के अंदर काफी भूल भुलैया थी जब वे दोनों काफी अंदर पहुंच गए तो देखा कि वहां से आगे की और कई सारी गुफाएं हैं। जो कई राहों में बटी हुई है। उन लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि हमें किस तरफ जाना है।
उनकी नजर सामने एक गुफा पर पड़ीउस गुफा के आगे मकड़ी के ढेर सारे जाले लगे हुए थे। वह गुफा बाहर से ही देखने में बहुत ही पुरानी लग रही थी क्योंकि वह बाहर से ही टूटी फूटी दिख रही थी।


गार्ड  को लगा कि यह गुफा काफी पुराना लग रहा है। शायद इसी में वह खजाना छिपा होगाऔर यही सोचकर वे दोनों इस गुफा की ओर चल पड़े…….
मकड़ी के जाले उनके चेहरे को स्पर्श कर रहे थे। पर वह उस से बचते हुए अंदर की ओर प्रवेश कर गए।
वह चीनी यात्री तो घूमने के इरादे से अंदर गया था। पर गार्ड तो उसे अपनी लोभ में  अंदर ले गया था।
चलते चलते वे दोनों गुफा के काफी अंदर तक पहुंच गए ,,,,,,,


उन्होंने कलाई में बंधी घड़ी में समय देखातो सुबह के 6:00 बज रहे थे। पर गुफा के अंदर सूरज की रोशनी की एक भी किरण नहीं थी।
अंदर घना अंधेरा था। चीनी यात्री ने उस गार्ड से कहाचलिए चलते हैं यहां से ऐसे भी हम लोग काफी अंदर तक आ गए हैं। और जो अब देखना होगा बाद में आकर देखेंगे।
तो गार्ड कहाबाहर तो निकल ही जाएंगे पर यहां आए हैं तो कुछ और देख लेते हैं।
इन दोनों में यह बात हो ही रही थी कि अचानक इन्हें अपनी तरफ किसी के आने की आवाज सुनाई दी।
इन दोनों को लगा शायद कोई चमगादड़ वगैरह होगा कोई बात नहीं अंदर चलते हैं।
चलते चलते अचानक इनकी नजर सामने एक छोटे से दरवाजे पर पड़ीवह दरवाजा लकड़ी का था


इन्हें लग रहा था की इसके अंदर लकड़ी का दरवाजा कौन बना सकता है।


गार्ड को लगा कि शायद इसी में खजाना छिपा हुआ है। और वो इस दरवाजे को खोलने की कोशिश करने लगा,
दोनो ने मिलकर उस दरवाजे को खोल दिया,दरवाजे के अंदर जो उन्होंने देखा उनके होश उड़ गए।
उन्होंने देखा कि एक  कंकाल हाथ पैर मोड़े हुए बैठा हुआ है।
उसके शरीर पर ढेर सारे धूल जमे हुए थे।मकड़ी के जालो में उसकी पूरी शरीर लिपटी हुई थी।
देखने में ऐसा लग रहा था मानो कई  बरसों से वह यहीं पर बैठा हुआ है किसी तपस्या में लीन……..
ईसी बीच अचानक गार्ड को ऐसा लगा की गुफा के एक कोने से उसे कोई देख रहा है। तुरंत ही उसने अपने टॉर्च को उस तरफ जलाया पर उसे वहां कोई नहीं दिखा।
धीरे धीरे अब टॉर्च की लाइट भी धीमी पड़ती जा रही थी।


गार्ड बस कुछ कदम आगे ही गया था कि उसे अपनी तरफ किसी के आते हुए पैरों की पदचाप सुनाई दी।
गार्ड ने तुरंत पीछे मुड़कर देखापर उसे कोई वहां नहीं दिखा,,,
अब गार्ड को भी डर लगने लगा था। वह समझ गया था अब हमें यहां से निकलना चाहिए,
वे दोनों वापस दौड़ते हुए बाहर निकल रहे थे। जिस दरवाजे से उन्हें निकलना था वह दरवाजा आगे से बंद हो गया था।
यह देख इन दोनों के प्राण सूख गएइन्हें लगा यहां तो दरवाजा भी नहीं था गुफा की मुख खुली हुई थी। अचानक यहां पत्थरों से दीवार कैसे बन गई।
दोनों को समझ में आ चुका था कि हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस चुके हैं। बस इन्हें अब किसी तरह से यहां से निकलना था।
ये दोनों अब काफी बेचैन थे


इन दोनों के पास कोई रास्ता नहीं था बाहर जाने का एक रास्ता था जो सिर्फ आगे की ओर था वह था आगे जाने का…….
उस घने अंधेरे में इधरउधर देखना भी बहुत मुश्किल हो रहा था। इन्हें तो मालूम भी ना था कि वह आगे का रास्ता कहां जाकर खत्म होगा और कब होगा।
धीरेधीरे उस गुफा में इनका दम घुटने लगा था इनकी सांस लेने की तकलीफ बढ़ती जा रही थी। क्योंकि यह गुफा के काफी अंदर तक आ चुके थे और गुफा का दरवाजा भी बंद हो चुका था।


अब आगे जाने के सिवाय इनके पास कोई दूसरा और रास्ता नहीं था।
और यह हाथ में टॉर्च लिए उस घने अंधेरे को चीरते हुए आगे की ओर जाने लगे।
उन्हें यह मालूम नहीं था कि जितने ज्यादा व अंदर की ओर जा रहे हैं उतना ही वह जाल में फंसते हुए जा रहे हैं। पर उनके पास दूसरा और कोई विकल्प नहीं था।
काफी अंदर जाने के बाद उनकी टॉर्च की लाइट अचानक बुझ गई,
और अब घना अन्धेरा इन्हें अपने कब्जे में ले चुका था।


अंदर इतना अंधेरा था कि यह दोनों अपने आप को देख भी नहीं सकते थे। यह दोनों एकदूसरे को सिर्फ छू कर बात कर रहे थे।
फिर भी ये दोनों हिम्मत बनाये हुए एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए आगे की ओर जा रहे थे कि अचानक गार्ड के पैर से कुछ टकराया और इन दोनों का हाथ छूट गया औऱ गार्ड वहीं गिर पड़ा।


गार्ड ने तुरंत उस चीनी यात्री को आवाज़ लगाया की क्या तुम यहीं हो।
पर गार्ड को उस तरफ से कोई जबाब नही मिला।
गार्ड ने सोचा कि अभी तो वह यही था पर अचानक इतनी जल्दी कहां चला गया। गार्ड ने जोर जोर से चिल्ला कर उसे आवाज लगाई पर उधर से उसे कोई जवाब नहीं मिला।
उस अंधेरे में कहां खो गया वह चीनी यात्री उसे कुछ भी पता नहीं……


अंधेरे में बेचैन गार्ड उसे इधरउधर ढूंढने लगा पर उसका कुछ भी पता नहीं चला।
गार्ड समझ चुका था कि यहां कुछ गड़बड़ है हमें यहां से तुरंत निकलना चाहिए वरना हम भी मारे जाएंगे।
और यही सोच गार्ड अंधेरे में इधरउधर भागने लगा।
बहुत देर भागते भागते अचानक गार्ड गुफा के दूसरे छोर से बाहर निकल गया।


गार्ड की किस्मत अच्छी थी कि वह बच गया लेकिन वह चीनी यात्री को नहीं बचा सका।
गुफा से दौड़ कर निकलते हुए गार्ड पीछे मुड़कर उस रास्ते को भी नहीं देखा कि वह कहां से निकला था वह सीधे 2 किलोमीटर दूर जाकर रुका और चैन की सांस ली।
गार्ड ने यह बात बहुत कम लोगों को बताई।


गार्ड को लग रहा था कि क्या वह चीनी यात्री भी बच गया होगा अगर बच गया होगा तो कहां गया होगा।
उस घटना के बाद उस गार्ड ने कभी उस चीनी यात्री को नहीं देखा आखिर वह कहां चला गया।।।।।।
क्या यह गुफा अनंत तक है किसी को मालूम नहीं

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