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राक्षस || Rakshas Story in Hindi || 2021 ||


 


यह पूरा ब्रह्मांड ही अजीबो गरीब रहस्यमई चीजों से भरा पड़ा है। इस संसार में कुछ भी नामुमकिन नहीं है क्योंकि ब्रम्हांड की रचना ही कुछ इस तरह से हुई है कि आपको यकीन करना ही पड़ता है वरना तो यह सिर्फ खोखली ही नजर आती है।

यहां आपके सोच अनुसार कुछ नहीं होता सिर्फ और सिर्फ इसका फैसला प्रकृति ही करता है।


रामायण के युग से ही  लोग राक्षस जैसे मायावी चीजों के बारे में सुनते आ रहे हैं। परंतु शायद ही किसी ने उसे देखा होगा


सन 2003 झारखंड के एक छोटे से कस्बे में एक अलग सी हलचल हुई जिससे कस्बे में खौफ जगा गई। 

कस्बे में रहने वाले मदन और उनकी पत्नी जोरी कई सालों से काफी तनाव में रह रहे थे। क्योंकि उनकी शादी के पश्चात उनका कोई भी संतान नहीं हुआलोगों के ताने ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया था। कई तरह के उपचार के बाद भी उनकी पत्नी जोरी का गर्भ ठहरने का नाम नहीं ले रहा था।

पर अचानक ही एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिससे मदन की आंखों की चमक बढ़ गई। इस बार मदन की पत्नी जोरी के कोख में कोई चीज सांस ले रही थी।


मदन काफी खुश था इसलिए उसने पूरे गांव में अपनी खुशी जाहिर कर दीगांव के तकरीबन सभी लोग जान चुके थे कि मदन अब पिता बनने वाला है लोग उसे बधाई भी दे रहे थे। 

उधर जोरी के कोख में पल रहा बच्चा अभी 2 माह का ही था कि जोरी का पेट तेजी  से बढ़ने लगाऔर दर्द भी काफी होने लगा।

मदन को भी इस बात की हैरानी हुई की अभी तो बच्चा 2 महीने का ही है लेकिन अभी से जोरी  की हालत इतनी खराब कैसे हो रही है। मानो वो अभी थोड़ी ही देर में इस बच्चे को जन्म दे देगी। यह बात सोच मदन काफी घबरा गया , उसने गांव के एक वैध को बुलाया।


जोरी की इस अजीबोगरीब हालात को देख कर बैध भी थम सा गया उसके पसीने छूट रहे थे। वैद्य ने मदन से सिर्फ एक ही बात कही की मैंने अपने जीवन में ऐसा पहले कभी नहीं देखा है। जो भी हो रहा है यह ऊपरवाले की इच्छा अनुसार हो रहा है। और यह कह वैध भी वहां से चला गयामदन ने उससे काफी कुछ पूछना चाहा लेकिन उस वैध ने ज्यादा कुछ नहीं कहा।

मदन ने भी सोच लिया था जो भी होगा देखा जाएगाइसलिए मदन ने रात में अपने घर एक दाई को जोरी  की देखभाल के लिए रख लिया। 

जोरी लगातार दर्द से छटपटा रही थी। और रात के तकरीबन 11:00 बज चुके थे। मदन आशा लगाए घर के बाहर खड़ा था और अंदर जोरी की देखभाल के लिए दाई थी। 

बाहर खड़े मदन के कानों में बच्चे की रोने की आवाज गूंजी मदन खुशी से झूम उठाकुछ ही पल में दाई ने भी अंदर से आवाज लगाई कि मदन आकर अपने बच्चे को देख ले।

मदन भागता हुआ तेजी से कमरे के अंदर गया और अपने बच्चे को सीने से लगा लिया। मदन की खुशी का ठिकाना ही ना था। जोरी भी लगातार अपने बच्चे को देखे जा रही थी।

मदन जब अपने बच्चे को धीरे से बेड पर रखा तो अपने बच्चे के शरीर की बनावट देख पूरी तरह घबरा गया। उसके पैर तले जमीन खिसक गए


वहां मौजूद मदन ,जोरी और दाई ने जो देखा वह काफी खौफनाक था। उन्होंने देखा कि बच्चे के शरीर का विकास तेजी से हो रहा है। उसके नख(नाखूनतेजी से बढ़ रहे थे  उस बच्चे की आंखें लाल होती जा रही थी। और उसके मुख में दांत भी आने शुरू हो गए थे। यह देखें इन लोगों की हालत खराब हो गईमदन को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। 

लेकिन वहां मौजूद दाई काफी समझदार थी। वह समझ चुकी थी कि यह कोई साधारण मनुष्य नहीं है। यह राक्षस है जो हवा के संपर्क में आते ही तेजी से बढ़ने लगता है। डर तो दाई को भी उतना ही लग रहा था लेकिन दाई ने अपनी हिम्मत बनाए रखी।

दाई ने तुरंत ही मदन से कहाजितनी जल्दी हो सके इस बच्चे को मार डालो नहीं तो यह पूरे गांव वाले के लिए खतरा साबित हो सकता है। यह कोई साधारण नहीं है यह राक्षस है। यह सुन मदन गुस्से में एक तमाचा उस दाई को जड़ दिया। उधर जोरी  भी गुस्से में दाई पर बरसने लगी।  दाई  ने कहा ठीक है तुम खुद देखो अपने बच्चे को क्या यह मनुष्य दिखता है तुम्हें।

सच में वह बच्चा तेजी से विकास कर रहा था उसके पूरे शरीर पर बाल उग रहे थे। अब मदन भी समझ चुका था और जोरी भी।

मदन सोच रहा था कि वह अपनी खुशी के लिए पूरे गांव वाले को खतरे में नहीं डाल सकता उसने अपने कलेजे पर पत्थर रख दाई को कहा कि तुम्हें जो करना है कर दो। दाई ने उस राक्षस का गला दबाकर हत्या कर दी और उसे एक हांडी में बंद कर वही बगल के जमीन में दफन कर दी। 

उसी रात मदन और जोरी कस्बे को छोड़ कर चले गए। काफी दिनों से गांव वाले की मुलाकात मदन से नहीं हुई तो उन्हें शक होने लगागांव में बात बहुत तेजी से फैलने लगी  और अंत में जाकर लोगों ने उस दाई को पकड़ लिया और पूछताछ करने लगे। दाई ने सारी बात बता दी लेकिन यह नहीं बताया कि उसे कहां दफन किया गया है। जब उस दाई पर बहुत ज्यादा दबाव बनाया गया तो उस दाई ने कुएं में कूद कर अपनी जान दे दी। इस घटना के काफी दिनों बाद तक लोगों में डर समाया रहा


कहा जाता है कि अगर उस गड्ढे को फिर से खोदा गया तो उसकी रूह फिर से जाग उठेगी।।।

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